ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर महापंचायत के बाद कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। यहां तक कि धरना स्थल को पूरी तरीके से खाली कर दिया गया था। सोमवार को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 27 किसानों को रिहा कर दिया। सोमवार को ही 15 सदस्यीय किसानों का एक दल अपनी मांगों को लेकर और जेल में बंद किसानों को बिना शर्त रिहाई के लिए प्रमुख सचिव औद्योगिक अनिल सागर से मिला था।
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पुलिस के मुताबिक विभिन्न किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन आदि के दृष्टिगत पुलिस द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया था। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर एनालिसिस और अन्य लोगों से पूछताछ के बाद सोमवार को पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए किसान आंदोलन और धरना प्रदर्शन से संबंधित 27 किसानों को जेल से रिहा किया गया। गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के जीरो पाइंट पर 4 दिसंबर को किसानों की महापंचायत हुई थी।
मंगलवार शाम को गिरफ्तार हुए सभी किसानों को छोड़ दिया गया था। इसके बाद आगे की रणनीति के लिए गुरुवार को पंचायत होनी थी। इससे पहले बुधवार देर रात सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के बाद पुलिस ने किसानों को एक बार फिर हिरासत में लिया था। जीरो पाइंट पर रात करीब 12 बजे के आसपास किसानों को हिरासत में लेकर लुक्सर जेल भेजा गया था। पुलिस ने यह कार्रवाई तब की जब किसानों की संख्या 50 से कम थी। महापंचायत में जेल से छूट कर आए किसानों ने मंच संभाला और स्पष्ट किया था कि धरना वहीं से शुरू किया जाएगा, जहां से खत्म हुआ था। जिसके बाद रात को किसानों ने पंचायत करने का फैसला किया था। लेकिन, इससे पहले ही किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।