मुजफ्फरनगर। गत दिवस मंसूरपुर में पुलिस से टकराव लेने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान की पुलिस सुरक्षा बीती राज अचानक हटा दी गई है। मंसूरपुर में मंदिर व धर्मशाला की जमीन पर कब्जे को लेकर दिए गए धरने के बाद संजीव बालियान की सुरक्षा हटा ली गई, जिससे नाराज होकर संजीव बालियान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है।
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प्रदेश में योगी सरकार के राज में भाजपाई ही अब अपनी सरकार से नाखुश नजर आ रहे हैं। भाजपा और सहयोगी दल के वरिष्ठ नेता अब खुलकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर रहे हैं । भाजपा के बड़े नेता से लेकर छोटे कार्यकर्ता तक अब विरोध के स्वर मुखर कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरनगर में सामने आया है, जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर मुजफ्फरनगर पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी आपत्ति जताई है।
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दरअसल बीते दिन संजीव बालियान सैकड़ो ग्रामीणों के साथ मंसूरपुर थाने गए थे, जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि मुजफ्फरनगर की पुलिस पैसे लेकर जमीनों पर कब्जे करा रही है। मामला मंसूरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खानूपुर से जुड़ा हुआ है, जहां सरशादी लाल डिस्टलरी की एक जमीन, जो 1960 में सरशादी लाल डिस्टलरी के कर्मचारियों ने श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और धर्मशाला के लिए खरीदी थी और जिसका बैनामा भी किया गया था। यह ज़मीन तभी से ग्राम सभा की देखरेख में है और यहाँ धार्मिक व सार्वजनिकआयोजन होते रहते है। अब उस जमीन पर ग्रामीणों द्वारा स्थापित भगवान की मूर्तियां मिल कर्मचारियों ने उठाकर बाहर फेंक दी थी और उस जमीन पर अपनी दीवार बना ली थी,जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष बना हुआ है।
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इसी मामले को लेकर बीते दिवस मंसूरपुर में ग्रामीणों द्वारा मंदिर व धर्मशाला की जमीन को कब्जामुक्त कराने की मांग को लेकर हंगामा किया गया था, जिसमें डा. संजीव बालियान अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे थे और एसओ मंसूरपुर को वहीं पर बुलाया गया था, लेकिन एस ओ मौके पर नहीं पहुंचे, तो संजीव बालियान अपने समर्थकों के मंसूरपुर थाने में पहुंच गए थे और एसओ मंसूरपुर से काफी देर तक बहस हो गई थी, जिस पर एसओ ने भी संजीव बालियान को
कोर्ट से स्टे ऑर्डर होने की बात कहकर टरका दिया था। इस बात पर संजीव बालियान भडक गये थे और एसओ मंसूरपुर को भ्रष्ट बताते हुए पुलिस पर पैसे लेकर कब्जा कराने का आरोप लगाया था। जहां उनकी थाना प्रभारी उमेश राेरिया से तीखी झड़प हुई थी। संजीव बालियान ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे ।जिसके जवाब में सीओ खतौली राम आशीष यादव ने एक वीडियो बयान जारी करके संजीव बालियान के आरोपों को निराधार बताया था और कोर्ट से स्टे ऑर्डर होने की बात कही थी।
इस घटनाक्रम के बाद रात में एसएसपी अभिषेक सिंह ने संजीव बालियान की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को वापस बुला लिया और पुलिस लाइन में आमद कराने के आदेश दिए थे, जिसके बाद पुलिस सुरक्षा हटा दी गई थी।
इस मामले को लेकर संजीव बालियान बेहद आक्रोशित हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सुरक्षा हटाने पर आपत्ति जताई है। पत्र में पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए डॉक्टर बालियान ने आरोप लगाया है कि मुजफ्फरनगर की पुलिस संपत्ति विवाद में भ्रष्टाचार के कारण लिप्त हो रही है। उन्होंने लिखा
है कि मुजफ्फरनगर में पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से मेरी समस्त सुरक्षा वापस ले ली गई है। संजीव बालियान ने लिखा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन पर जानलेवा हमला हुआ था। उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि अगर भविष्य में भी उन पर पुनः हमला हुआ तो उसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के अधिकारियों की होगी। संजीव बालियान ने लिखा है कि मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है, मेरी सुरक्षा पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनता के हाथ में है ।
उन्होंने लिखा है कि एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ पुलिस का यह व्यवहार है तो आम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के क्या हालात होंगे ? संजीव बालियान की यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और इस पर निरंतर सवाल उठ रहे हैं ।
इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि पूर्व मंत्री को पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री के रूप में जो सुरक्षा अनुमन्य थी, वह अतिरिक्त सुरक्षा वापस ली गई है। उन्होंने बताया कि एक गनर पूर्व सांसद के रूप में अनुमन्य है, जिसको भी संजीव बालियान ने वापस लौटा दिया है और उसने यही लिखित जानकारी पुलिस लाइन में दी है ।