लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को लखनऊ में परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी परिवर्तन चौक से पैदल मार्च से राजभवन जाने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। पुलिस ने हजरतगंज और सिकंदरबाग के आसपास बैरीकेडिंग लगा दी इस वजह से परिवर्तन चौक व कैसरबाग के आसपास जाम लग गया।
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आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद के ऊपर मथुरा में पथराव हुआ। इसकाे लेकर पार्टी की ओर से आज लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन का ऐलान किया था। प्रदर्शन में सांसद चन्द्रशेखर को भी शामिल होना था लेकिन उन्हें कल (रविवार) काे ही वाराणसी में पुलिस ने रोक लिया था। आज हाेने वाले प्रदर्शन और कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए केडी सिंह बाबू स्टेडियम, हजरतगंज और बापू भवन सचिवालय स्थित तीन मेट्रो स्टेशनों को बंद करना पड़ा। परिवहन निगम की बसों को अवध बस स्टॉप से वापस किया गया।
इस बीच आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि देशभर में दलित, पिछड़ा, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। बहुजन समाज के
खिलाफ हमले, हत्याएं, बलात्कार और जातिगत भेदभाव के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ते जा रहे हैं। इन्हीं मुद्दों के विरोध में 10 मार्च को संबंधित राज्यों की राजधानियों में संवैधानिक और लोकतांत्रिक आंदोलन आयोजित किया जा रहा है।
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बिहार से लौटते समय कल उनका काफिला चंदौली के सैयदराजा थाना क्षेत्र में पहुंचा, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उसे रोक लिया। हालांकि, सांसद को रोके जाने के पीछे के कारणों पर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि जो सरकार अपराध रोकने में नाकाम साबित हो रही वह जनता के चुने हुए एक जनप्रतिनिधि को रोकने का काम कर रही है। मुझे पिछले तीन घंटों से सीमा पर रोका गया है। अधिकारी सरकार के इशारे
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पर गलत काम करते हैं। प्रदेश में रोज हिंसा हो रही है। पत्रकार सुरक्षित नहीं है। वकील और बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। यूपी में सुरक्षा की भारी खामी है। सीएम जितनी ऊर्जा मुझे रोकने में लगा रहे हैं, उतनी ऊर्जा यदि क्राइम रोकने में लगाते तो बहन-बेटियां सुरक्षित होतीं। उन्होंने कहा कि गरीबों, नौजवानों व किसानों की मांग को लेकर सोमवार को लखनऊ में होने वाले आंदोलन को विफल करने के लिए उन्हें रोका जा रहा है। सरकार से जवाब मांगने के लिए यह आंदोलन होगा। बाद में उन्हें जाने दिया गया फिर उन्हें वाराणसी में रोक लिया गया।