Thursday, January 9, 2025

प्रशांत किशोर बड़े नेता हैं, छात्रों का भविष्य न करें खराब : नीरज कुमार बबलू

पटना। बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पर छात्रों को बरगलाने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने किशोर से छात्रों का भविष्य खराब न करने की अपील करते हुए बड़े कार्यों में भाग लेने की नसीहत दी। नीरज कुमार बबलू ने शनिवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को छात्र राजनीति से बाहर रहकर देशहित में काम करना चाहिए और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। बबलू ने प्रशांत किशोर से हाथ जोड़कर विनती करते हुए कहा कि आप बड़े नेता हैं और आपने पहले भी बड़े काम किए हैं। हम आपसे अपील करते हैं कि अब छात्र राजनीति में अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें। छात्रों को गुमराह करना ठीक नहीं है।

उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करें, ना कि राजनीति में उलझाकर उनके भविष्य के साथ खेलें। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर वैनिटी वैन लेकर अनशन करते हैं, जबकि हम लोग खेतों में लोटा लेकर काम करते हैं। उनका यह प्रदर्शन सिर्फ दिखावा लगता है, जबकि असल कार्य जमीन पर करने की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि वह छात्र आंदोलन का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कर रहे हैं, जो एक गलत कदम है। उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि प्रशांत किशोर जैसे बड़े नेता अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करें और समाज के विकास के लिए काम करें, ताकि बिहार और देश को सही दिशा मिल सके। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं है।

बता दें कि प्रशांत किशोर बीपीएससी छात्रों के समर्थन में गांधी मैदान में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि वह बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले प्रशांत किशोर ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर दो जनवरी की शाम तक कोई समाधान नहीं निकला, तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। अनशन पर बैठने के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक छात्रों की मांग पूरी नहीं होती, तब तक वह अनशन पर ही रहेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश की राजधानी पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैल गई थी। इसके बाद सैकड़ों उम्मीदवारों ने विरोध दर्ज कराने के लिए परीक्षा का बहिष्कार भी किया था। बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर में फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया। दूसरी तरफ छात्र पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठ गए।

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