लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की आठ सीटों पर मतदान शुक्रवार सुबह सात बजे शुरु होगा।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने गुरुवार को बताया कि सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मोरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। मतदान सुबह सात बजे शुरु होकर शाम छह बजे तक चलेगा। निर्धारित समय के बाद भी कतार में लगे मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार दिया जायेगा।
इन निर्वाचन क्षेत्रों में 73 पुरुष और सात महिलाओं सहित कुल 80 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें भाग्य का फैसला एक करोड़ 43 लाख मतदाता करेंगें जिनमें 76.23 लाख पुरुष और 67.14 लाख महिला मतदाता शामिल है।
उन्होने बताया कि मतदान कर्मियों ने संबंधित मतदान केंद्रो पर डेरा डाल दिया है। वोट सात हजार 693 मतदान केंद्रों में 14 हजार 845 पोलिंग बूथ पर होगा जिनमें तीन हजार 571 पोलिंग बूथ संवेदनशील हैं। निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान के लिये इन केंद्रों पर आठ सामान्य पर्यवेक्षक, पांच पुलिस पर्यवेक्षक और 10 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, 1,272 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 150 जोनल मजिस्ट्रेट, 103 स्टेटिक मजिस्ट्रेट और 1,861 माइक्रोऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार कैराना से चुनाव लड़ रहे हैं और सबसे कम 6-6 उम्मीदवार नगीना और रामपुर सीट से मैदान में हैं। मुरादाबाद में सबसे अधिक 20 लाख 59 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जबकि नगीना में सबसे कम 16.44 लाख मतदाता हैं।
इस बीच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अमिताभ यश ने कहा कि मतदान केंद्रों पर छह हजार 18 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर, 35 हजार 750 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल, 24 हजार 992 होम गार्ड, पीएसी की 60 कंपनियां और सीएपीएफ की 220 कंपनियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में मतदान वाले नौ जिलों में 248 बैरियर लगाये गये हैं. उन्होंने कहा कि पीलीभीत में 11 बैरियर लगाए गए हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय सीमा प्रभावित क्षेत्र है और शेष जिलों में 88 बैरियर लगाए गए हैं जहां लगातार जांच की जा रही है।
एडीजी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय सीमाओं पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाकर लगातार निगरानी एवं सतर्कता बरती जा रही है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव का पहला चरण सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित सभी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है।
सहारनपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद और भाजपा के राघव लखनपाल आमने-सामने हैं। बसपा ने अपने मौजूदा सांसद हाजी फजलुर रहमान की बजाय माजिद अली पर भरोसा किया है। कैराना सीट पर मौजूदा भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी का मुकाबला सपा के इकरा हसन और बसपा के श्रीपाल राणा से हैं। चुनावी राजनीति में पदार्पण कर रही इकरा तीन बार के विधायक नाहिद हसन की बहन और दो बार की सांसद तबस्सुम हसन की बेटी हैं।
पीलीभीत में भाजपा ने मौजूदा सांसद वरुण गांधी के बजाय योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। यहां सपा ने अपने पुराने वफादार और पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार को मैदान में उतारा है। इस सीट पर बसपा ने अनीस अहमद खान को मैदान में उतारा है।
मुजफ्फरनगर सीट पर सपा ने दो बार के भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान के खिलाफ वरिष्ठ नेता हरेंद्र मलिक को मैदान में उतारा है। बिजनौर सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के विधायक चंदन चौहान का मुकाबला सपा के दीपक सैनी और बसपा के चौधरी विजेंद्र सिंह से है।
नगीना सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद भाजपा के ओम कुमार, सपा के मनोज कुमार और बसपा के सुरेंद्र पाल सिंह के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं। 2019 में इस सीट से सपा,बसपा और रालोद महागठबंधन के उम्मीदवार गिरीश चंद्र विजयी हुए थे, लेकिन इस बार बसपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
मुरादाबाद सीट पर सपा प्रत्याशी रुचि वीरा का मुकाबला भाजपा के श्रवेश कुमार सिंह से है. लेकिन मौजूदा सांसद एचटी हसन द्वारा पार्टी से टिकट नहीं दिए जाने के बाद खुद को चुनाव प्रचार से दूर करने के बाद सपा उम्मीदवार के लिए यह मुश्किल होगा।
वरिष्ठ सपा नेता मोहम्मद आजम खान की अनुपस्थिति में रामपुर में पहला लोकसभा चुनाव होगा। रामपुर सीट पर 2022 में होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने कई सालों के बाद संभवत: पहली बार सपा के गढ़ में सेंध लगाई थी, जब भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद घनश्याम सिंह लोधी ने आजम खान के करीबी माने जाने वाले सपा के मोहम्मद आसिम रामा को हरा दिया था।
इस बार सपा ने मोहिबुल्लाह नदवी को मैदान में उतारा है, जिससे आजम खान के समर्थकों और शुभचिंतकों में असमंजस की स्थिति है. यहां बसपा ने नए चेहरे जीशान खान को टिकट दिया है, जो एक दशक से ज्यादा समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं।
उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने के लक्ष्य को ध्यान में रख कर भाजपा ने पहले चरण में जम कर चुनाव प्रचार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ और सहारनपुर में रैली कर भाजपा के लिये वोट मांगे जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन मांगने के लिए लगभग सभी चुनाव वाले जिलों का दो या तीन बार दौरा किया। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह सहित भाजपा सरकार के कई मंत्रियों ने भी राज्य में पहले चरण के चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया।
हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार थोड़ा देर से शुरू किया, लेकिन उन्होंने नगीना (बिजनौर) और मुरादाबाद में रैलियां कीं। इससे पहले उन्होंने पीलीभीत में भी रैली की। कांग्रेस एकमात्र अपवाद रही, जिसके किसी भी वरिष्ठ नेता ने पहले चरण के चुनाव के लिए एक भी रैली नहीं की।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सहारनपुर में रोड शो कर इमरान मसूद के पक्ष में समर्थन मांगा वहीं अखिलेश और राहुल ने गाजियाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर गठबंधन सरकार की उपयोगिता साबित करने की कोशिश की।