शामली। शामली जिले में पत्रकारों के उत्पीड़न की घटनाओं के विरोध में मीडिया कर्मियों ने कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना प्रदर्शन किया। इस धरने में जनपद के मीडिया कर्मी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इसके अलावा, कई सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भी मीडिया कर्मियों की मांगों को जायज ठहराते हुए उनका समर्थन किया। यह प्रदर्शन पत्रकारों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और उत्पीड़न के खिलाफ था, और उनकी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की मांग की गई।
शामली जिले के मीडिया कर्मियों ने बुधवार को उत्पीड़न के खिलाफ शामली कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में सामाजिक और राजनैतिक संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल हुए और उन्होंने अपना समर्थन व्यक्त किया। पत्रकारों ने आरोप लगाया कि कुछ भ्रष्ट अफसरों और लोगों के इशारे पर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसे वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने अपनी समस्याओं को एडीएम के सामने रखा और इसके साथ ही ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि जनपद में पत्रकारिता से जुड़े मीडिया कर्मियों को खबर कवरेज और खबर प्रकाशित करने पर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें रंजिश का शिकार बनाया जाता है और उनके खिलाफ झूठे प्रार्थना पत्र षड्यंत्रपूर्वक दाखिल किए जाते हैं। पुलिस विभाग द्वारा बिना किसी जांच-पड़ताल के ही कई मामलों में मुकदमे दर्ज कर लिए जाते हैं, जिससे पत्रकारों का उत्पीड़न किया जाता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग भी लापरवाही बरतते हुए और फर्जी तरीके से नियमों के विरुद्ध अस्पतालों को चलाने की अनुमति देता है। जब इन अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें आती हैं और पत्रकारों द्वारा इन मुद्दों पर समाचार संकलित किया जाता है, तो भ्रष्ट अधिकारियों की शह पर पत्रकारों के खिलाफ ही फर्जी और मनगढ़ंत प्रार्थना पत्र पुलिस को दिए जाते हैं।
पत्रकारों ने यह मांग की है कि यदि किसी मीडिया कर्मी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज होती है, तो सबसे पहले उस शिकायत की सही और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने जनपद स्तर पर एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने की भी मांग की, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पत्रकारों को भी शामिल किया जाए। यह टीम पत्रकारों से जुड़े मामलों की जांच करेगी, और एसआईटी की जांच के बाद ही किसी भी प्रकार की अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।