लखनऊ। ऑनलाइन हाजिरी में बदलाव समेत कई मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों (सीएचओ) ने प्रदर्शन किया। इस बीच प्रदर्शनकारी एचएचएम मुख्यालय जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा। इसी को लेकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोक झोंक हो गई। यूपी में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत काम कर रहे सैकड़ों कर्मी चारबाग में इकट्ठा हुए।
पुलिस ने सभी को मोहन होटल के सामने एपीसेन मार्ग पर रोक लिया। इसके बाद कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की भिड़ंत हो गई। इस बीच तमाम प्रदर्शनकारी पुलिस को चकमा देकर एनएचएम मुख्यालय पहुंच गए। संयुक्त एनएचएम संघ से संबद्ध कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि हम लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से बिना यातायात बाधित किए एनएचएम मुख्यालय पर प्रदर्शन और मिशन निदेशक का घेराव करना था, लेकिन पुलिस अफसरों ने जानबूझकर अंदर जाने से रोका। इसी बात पर झड़प और धक्का मुक्की हुई।
जब तक मांगें नहीं पूरी होंगी, सब सीएचओ से हटने वाले नहीं हैं। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश भर के सीएचओ का शोषण किया जा रहा है। ऑनलाइन हाजिरी केवल सीएचओ पर लागू कर उनके साथ भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के करीब 17 हजार कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर में ऑनलाइन हाजिरी के आदेश को लेकर सभी नाराज हैं। यह तानाशाही आदेश वापस नहीं लिए जाने तक एनएचएम कर्मियों का यह प्रदर्शन जारी रहेगा। सीएचओ 21 अगस्त से लेकर 27 अगस्त तक हड़ताल पर रहे। अब अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन हाजिरी सिस्टम सरकारी विभाग के सभी कैडर के सभी प्रकार के अधिकारियों-कर्मचारियों पर लागू किया जाए। एएमएस लागू करने से पहले सीएचओ के भविष्य की स्पष्टता, नियमित कैडर निर्माण, 6 वर्ष पर नियमितीकरण का लाभ दिए जाने की कार्रवाई शुरू कराई जाए। जिस प्रकार महाराष्ट्र, राजस्थान में एनएचएम नियमितीकरण का लाभ वर्ष 2024 में किया गया है। 4800 ग्रेड पे के अनुरूप वेतन का निर्धारण कर महंगाई भत्ता भी दिया जाए। मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, मेघालय, मणिपुर जैसे राज्यों में ये पहले ही लागू है।