चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। भगवंत मान सरकार ने इसके लिए बीस करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों और अपराधियों के बीच गठजोड़ को रोकने के लिए ग्राम सुरक्षा समितियों को सक्रिय करने का फैसला लिया गया है।
पंजाब के विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि सरहद पार से तस्करों की आवाजाही पर सख्ती से नज़र रखने के लिए पंजाब सरकार ने सीमावर्ती गांवों में सामरिक महत्ता वाले स्थानों पर सीसीटीवी लगाने के लिए 20 करोड़ रुपए रुपये किये हैं। उन्होंने कहा कि डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने ड्रोन के जरिये हथियारों और नशीले पदार्थों की बरामदगी कराने में मदद करने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान भी किया है।
बैठक में डीआईजी बार्डर रेंज नरिंदर भार्गव और डीआईजी फ़िरोज़पुर रेंज रणजीत सिंह ढिल्लों सहित बीएसएफ के चार डीआईजी और चार कमांडेंट भी उपस्थित थे। विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि यह सही समय है कि पंजाब की सरहदों पर ड्रोन ऑपरेशनों का मुकाबला करने के लिए दोनों सुरक्षा बलों को मिलकर और बेहतर तालमेल के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने सरहद पार से पंजाब में नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए सबूत आधारित और सक्रिय पुलिसिंग करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
स्पेशल डीजीपी ने सरहदी जिलों के एसएसपी को सुरक्षा की नज़र से पुलिस बल को और मज़बूत और मुस्तैद होने के लिए कहा। उन्होंने सरहद पार तस्करी में शामिल भारतीय नागरिकों पर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए सरहदी गांवों में सामरिक महत्ता वाले स्थानों और हॉटस्पॉट्स के बारे भी चर्चा की। उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों को कहा कि वह संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों के बारे जानकारी पंजाब पुलिस के साथ साझा करें, जिससे वे उनकी गतिविधियों पर पैनी नज़र रख सकें।
उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों और अपराधियों के बीच गठजोड़ को रोकने के लिए ग्राम सुरक्षा समितियों को सक्रिय करने का प्रस्ताव भी दिया। विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि यह समितियां पुलिस की आंख और कान के तौर पर काम करेंगी, ताकि सरहदी राज्य से नशा, आतंकवादियों और गैंगस्टरों का सफाया करने में पंजाब पुलिस को मदद मिल सके।