नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने हेतु नागरिकों का स्वस्थ होना आवश्यक है और इसके लिए गुणवत्तायुक्त पौष्टिक भोजन अनिवार्य है।
मांडविया ने बुधवार देर शाम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अत्याधुनिक राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत को अमृत काल में एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नागरिकों का स्वस्थ होना आवश्यक है। स्वस्थ नागरिक स्वस्थ राष्ट्र बनाते हैं, जो समृद्ध राष्ट्र की ओर ले जाते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (डॉ.) वीके सिंह, राज्य मंत्री भी उपस्थित थे।
मांडविया ने कहा कि भारत की पारंपरिक भोजन की आदतों और जीवन शैली को ‘हमारी रसोई हमारा अस्पताल’ के रूप में अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “ अच्छी गुणवत्ता वाला पौष्टिक भोजन बीमारियों को दूर रखने में काफी मदद कर सकता है।”
देश में खाद्य पदार्थों से उत्पन्न चुनौती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई ने राज्य प्राधिकरणों के साथ टीमों का गठन किया है, जो इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसेगी। उन्होंने कहा, “देश में खाद्य पदार्थों में मिलावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि देश भर में बड़े पैमाने पर परीक्षण किए जाएंगे और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
मांडविया ने एफएसएसएआई की दो पुस्तकों – मिलेट्स (श्री अन्न) रेसिपी- मेस और कैंटीन के लिए एक स्वस्थ मेनू और स्वस्थ आंत, स्वस्थ आप – संभावित प्रोबायोटिक लाभों के साथ पारंपरिक व्यंजन का भी विमोचन किया।