पटना। बुधवार को बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत स्पेशल विजिलेंस टीम ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) रजनीशकांत प्रवीण के ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी बेतिया, दरभंगा, मधुबनी, और समस्तीपुर जिलों में उनके आवासों और कार्यालयों पर की गई। इस दौरान भारी मात्रा में नकदी और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं।
विशेष निगरानी विभाग (स्पेशल विजिलेंस) के एडीजी पंकज कुमार दराद के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। चार अलग-अलग टीमों ने इस छापेमारी को अंजाम दिया। प्रारंभिक जांच में ही 1.87 करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। यह संपत्ति रजनीशकांत प्रवीण की वैध आय के स्रोत से कहीं अधिक बताई जा रही है।
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जानकारी के अनुसार, रजनीशकांत प्रवीण ने 2005 से अपनी सेवा के दौरान लगभग 1.87 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है। उनके पास बेतिया, दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर में कई संपत्तियां और फ्लैट्स हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 2.93 करोड़ रुपये आंकी गई है।
छापेमारी के दौरान उनके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर भी कई संपत्तियों का पता चला है। विजिलेंस टीम ने उन सभी संपत्तियों का ब्योरा इकट्ठा किया है, जो आगे की जांच में अहम साबित हो सकती हैं।
विशेष निगरानी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है। एडीजी पंकज कुमार दराद के मुताबिक, प्रारंभिक जांच के बाद मामला और गंभीर प्रतीत हो रहा है, क्योंकि कई और संपत्तियों के दस्तावेज मिलने की संभावना है।
बिहार सरकार ने हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दावा किया है। यह छापेमारी उसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। रजनीशकांत प्रवीण के खिलाफ अब आय से अधिक संपत्ति और अन्य भ्रष्टाचार के मामलों में विस्तृत जांच जारी है।
स्पेशल विजिलेंस ब्यूरो इस बात की जांच कर रहा है कि रजनीशकांत प्रवीण ने इतनी बड़ी संपत्ति कैसे अर्जित की और इसमें किन-किन लोगों की संलिप्तता है। परिवार के अन्य सदस्यों और उनके सहयोगियों से भी पूछताछ की जा सकती है। इसके अलावा, उनके द्वारा बनाए गए संपत्ति के दस्तावेजों की सत्यता की भी जांच की जा रही है।
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई अन्य अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश है और यह दिखाता है कि कानून से कोई भी बच नहीं सकता।