शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। बीते 24 घण्टे प्रदेश के लिए बहुत भारी रहे। इस दौरान वर्षा से जुड़ी आपदाओं में 18 लोगों की जान गई। इनमें भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में नौ लोगों की मौत हुई है। हादसों में चार लोग लापता हैं। भूस्खलन के कारण अलग-अलग जगह 27 मकान धराशायी हुए।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक वर्षा से जुड़ी आपदाओं में 72 लोगों की मौत हुई है। इनमें 16 लोगों की मौत भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की वजह से हुई जबकि सड़क हादसों व अन्य वर्षा जनित घटनाओं में 55 लोग मारे गए। विभिन्न हादसों में आठ लोग लापता हैं। इसके अलावा 92 लोग घायल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन में 73 मकान ध्वस्त हुए हैं जबकि 163 मकानों को आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा सात दुकानें और 191 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुई हैं। मानसून के दौरान 366 मवेशी भी मारे गए।
रिपोर्ट के आंकड़ों पर नजर डालें तो मानसून सीजन में अब तक भूस्खलन की 39, बाढ़ की 29 और बादल फटने की एक घटना सामने आई है।
मानसून सीजन में अब तक करीब 785 करोड़ की संपति की क्षति हुई है। लोक निर्माण विभाग को 355 करोड़ की क्षति हुई है, जबकि जलशक्ति विभाग को 350 करोड़ और बागबानी विभाग को 70 करोड़, बिजली बोर्ड को 92 लाख और शहरी विकास विभाग को 41 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।