Tuesday, November 5, 2024

सपा विधायक अतुल प्रधान के आंदोलन में पहुंचे राकेश टिकैत, बोले- देश को बचाएंगे अब किसान-मजदूर’ !

मेरठ। निजी अस्पतालों के खिलाफ सपा विधायक अतुल प्रधान का आमरण अनशन छठें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने धरना स्थल पर पहुंच कर आंदोलन को अपना समर्थन दिया। उन्होंने विधायक से अनशन की बजाय आंदोलन करने और आम जनता के हित में डॉक्टरों से भी सस्ता उपचार करने की अपील की।

कलक्ट्रेट में चल रहे सपा विधायक के धरने पर शुक्रवार को भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसे भी अस्पताल बने हैं, जिनके परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है। अस्पताल ठेके पर चल रहे हैं। निजी अस्पतालों में एंबुलेंस वाले मरीज भर्ती करा रहे। मेरठ में मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर आदि जिलों से मरीज आते हैं। अतुल प्रधान ठीक मुद्दे को उठा रहे हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि आज कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा मोदी और योगी सरकार ने लगा दिया है। पहली बार अस्पताल की उगाही के मुद्दे पर आंदोलन हुआ है।

राकेश टिकैत ने कहा कि इस मुद्दे का समाधान होना जरूरी है। टिकैत ने कहा कि पहली बार इस मुद्दे पर आंदोलन हुआ। जिसिमें जनता भी सपा विधायक के साथ है। राकेश टिकैत ने कहा हमने प्रशासन से कहा कि इस मुद्दे को लेकर कमेटी बनाई जाए। इस मामले का समाधान होगा तो गरीब जनता को भी राहत ही मिलेगी।

टिकैत ने कहा कि डॉक्टर भगवान माने जाते हैं। लेकिन, वो अपने इस पेशे को व्यापार न बनाए। डॉक्टरों को इतना करना चाहिए कि उनका काम चलता रहे और एक अस्पताल बना लें। लेकिन लूट न मचाएं। उन्होंने कहा कि लोग इससे परेशान है।

राकेश टिकैत ने एक हॉस्पिटल का नाम लिए बगैर कहा कि कोरोना काल में उस अस्पताल में 350 लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि नए मरीजों को भर्ती करने के लिए उस अस्पताल में मरीजों की ऑक्सीजन हटाकर उन्हें मारा गया।

उन्होंने कहा कि अभी हालात और खराब होंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि अगर 2024 में फिर से भाजपा आ गई तो सोशल मीडिया आदि सभी को बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का दो साल का उद्देश्य है। दो साल बाद ये देश

के सभी लोगों को चिन्हित कराएंगे। टिकैत ने कहा कि इस देश को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि किसान और मजदूर बचाएंगे।उन्होंने कहा कि अतुल आंदोकारी है। ये विधायक भी अपने दम पर बना है।

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने हमें टोका कि उसके अनशन में क्यों जा रहे हों। लेकिन अतुल जहां आंदोलन करेगा, हम वहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस देश को राजनीतिक पार्टी और जाति से बचाना है। आखिर में उन्होंने अतुल प्रधान से कहा कि तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को समिति बनाकर डॉक्टरों और विधायक को बुलाकर मामला सुलझाना चाहिए। चिकित्सा पेशे को व्यापार न बनाया जाए। अनाप-शनाप बिल लोगों से न वसूले जाएं। अनशन की बजाय आंदोलन चलाएं। इस आंदोलन को पूरा समर्थन है। डॉक्टरों के खिलाफ पहली बार आंदोलन हुआ है। डॉक्टरों का सभी सम्मान करते हैं, लेकिन इसका गलत फायदा न उठाएं।  जब राकेश टिकैत कलेक्ट्रेट में अतुल प्रधान को समर्थन देने पहुंचे तो समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। किसानों ने जय जवान, जय किसान और बाबा टिकैत अमर के खूब नारे लगाए। वहीं, कलेक्ट्रेट में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है।

विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि अब यह सभी लोगों की लड़ाई बन चुकी है। अपनी पूरी संपत्ति का ब्यौरा दे दिया है। अब डॉक्टरों को अपनी संपत्ति की घोषणा करनी चाहिए। वे 20 साल की ही नहीं, बल्कि कोरोना के बाद से अब तक की संपत्ति ही घोषित कर दें। 11 दिसम्बर को महापंचायत में कोने-कोने से लोग जुटेंगे। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से पूरे शहर को पाट दिया जाएगा। यह लड़ाई बहुत बड़ी है। उनके आंदोलन से पुलिस-प्रशासन में खलबली मची है। फर्जी अस्पतालों पर अंकुश लगाया जाए। सरकारी अस्पतालों से मरीजों को उठाकर निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जाता है। अस्पतालों में डॉक्टर दवाओं का साल्ट लिखें, ताकि तीमारदार उसे कहीं से भी खरीद सकें। लोगों को महंगे इलाज और महंगी शिक्षा से निजात दिलाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है।

 

 

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