मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई के लिए नामित किए गए न्यायिक अधिकारी अपर जिला जज अंजनी कुमार सिंह ने अगली तारीख से मुकदमे की सुनवाई प्रतिदिन करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने सीबीआई लोक अभियोजक को भी कोर्ट में एक-एक कर सभी की गवाही कराने का आदेश दिया है।
रामपुर तिराहा कांड से जुड़े सरकार बनाम राधा मोहन द्विवेदी मामले का मुकदमा अपर जिला जज अंजनी कुमार की कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट में सुनवाई के लिए आठ मई की तारीख लगी थी। बुधवार को कोर्ट ने सीबीआई लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा को निर्देश दिए कि एक-एक कर कोर्ट में गवाही कराई जाए।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किरण पाल कश्यप ने बताया, कोर्ट ने मुकदमे से जुड़ी पत्रावली को प्राचीनतम बताते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के एक्शन प्लान के तहत चिन्हित और निस्तारित किए जाने वाले वादों में से एक बताया है। सीबीआई लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि अभी कई साक्षी की गवाही शेष है। कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत करते हुए कुछ खास परिस्थितियों के अतिरिक्त अगली तिथि 15 मई से उक्त वाद की कार्यवाही प्रतिदिन चलेगी।
उल्लेखनीय है कि तीस साल पहले दो अक्टूबर 1994 को पृथक राज्य उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच छपार थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर झड़प हुई थी। पुलिस फायरिंग में सात आंदोलनकारी मारे गए थे। वहीं कई महिला आंदोलनकारियों के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़ और लूट की घटना हुई थी। सीबीआई की जांच के बाद दुष्कर्म के एक मामले में पुलिस और पीएसी के 24 जवानों को आरोपित बनाया गया था। घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज अंजनी कुमार की कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई थी। उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया, कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 15 मई निर्धारित की है। सरकार बनाम राधा मोहन द्विवेदी मामले में सीबीआई की ओर से छह साक्षी की गवाही कराई जानी है।
कोर्ट से सभी छह गवाहों का साक्ष्य कराने के लिए समन जारी किए गए हैं। कोर्ट से जारी समन में साक्षी को 15 मई को प्रात 1० बजे कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा गया। उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि कोर्ट में सात आरोपित रणपाल, वीरेंद्र कुमार, नेत्रपाल, देवेंद्र कुमार, कृपाल सिंह, राकेश कुमार और सुमेर सिंह पेश हुए।