नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया। यह निर्णय डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में इस वायरस के प्रकोप के बाद लिया गया है, जो अब पड़ोसी देशों में भी फैल गया है। एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो निकट संपर्क, जिसमें यौन संपर्क भी शामिल है, के माध्यम से फैलता है। हालांकि यह आमतौर पर हल्का होता है, कुछ दुर्लभ मामलों में यह घातक भी हो सकता है।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बताया कि इस प्रकोप को नियंत्रित करने और लोगों की जान बचाने के लिए एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। कांगो में इस प्रकोप की शुरुआत एक स्थानिक तनाव से हुई थी, जिसे क्लेड के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब एक नया प्रकार, क्लेड Ib, तेजी से फैल रहा है। यह प्रकार कांगो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा जैसे देशों में फैल गया है, जिससे WHO ने तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
इस घोषणा का उद्देश्य वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अनुसंधान, वित्त पोषण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में तेजी लाना है, जिससे प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू किया जा सके।
बता दें कि अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों ने कहा कि इस साल अब तक अफ्रीकी महाद्वीप पर 17,000 से अधिक संदिग्ध एमपॉक्स मामले और 517 मौतें दर्ज की गई हैं। जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मामलों में 160% की वृद्धि है। कुल 13 देशों ने मामले दर्ज किए हैं। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और उसके पड़ोसियों में एमपॉक्स के बढ़ते प्रकोप ने अफ्रीका के शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय को पहली बार महाद्वीपीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के लिए प्रेरित किया है।