Friday, November 22, 2024

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक अवसरवादियों का गठबंधन है : रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने बेंगलुरु में होने जा रही विपक्षी दलों की बैठक को अवसरवादियों का गठबंधन बताते हुए कहा है कि यह गठबंधन समन्वय और समझदारी का नहीं, बल्कि, अवसरवाद का गठबंधन है, गिव एंड टेक का गठबंधन है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हर बात पर केंद्र सरकार पर दोषारोपण करने वाले अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पानी में डूबा हुआ, दिल्लीवासियों को बेहाल छोड़कर विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु चले गए हैं। दिल्ली पानी में डूबी हुई है, लोग पीने के ​पानी तक के लिए परेशान हैं। लेकिन, कांग्रेस ने अभी तक दिल्ली की बाढ़ और केजरीवाल सरकार के रवैये पर एक शब्द तक नहीं कहा है, एक भी सवाल नहीं पूछा है।

उन्होंने पूछा कि क्या अवसरवादी गठबंधन इस हद तक चला जाएगा। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बंगाल ग्राम पंचायत चुनाव में हुई शर्मनाक हिंसा में भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कांग्रेस और लेफ्ट दलों के कार्यकर्ता भी मारे गए हैं। लेकिन, कांग्रेस और सीताराम येचुरी इस पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी से रोज लोकतंत्र का हिसाब मांगने वाले सीताराम येचुरी बंगाल की हिंसा पर क्यों नहीं बोल रहे हैं ?

प्रसाद ने बेंगलुरु बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि दिल्ली में बाढ़ में डूबे लोगों पर, बंगाल में लोकतंत्र की हत्या पर, ममता बनर्जी की तानाशाही और निरंकुशता पर कांग्रेस, सीपीआई और सीपीएम जैसे दल खामोश हैं। तमिलनाडु में भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला सामने आने के बावजूद भी ये दल चुप हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब यही अवसरवादी गठबंधन बेंगलुरु में मिल रहा है, जिसमें शामिल होने वाले राजनीतिक दल अपने-अपने भ्रष्टाचार और कुशासन की ट्रेनिंग एक-दूसरे को देंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की बात कही है, उन्हें दिन में सपने देखने का हक है। लेकिन, वे पूछना चाहेंगे कि राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के कांग्रेस नेता के दावे पर ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और स्टालिन जैसे नेताओं का क्या कहना है।

प्रसाद ने आगे कहा कि 2024 के लिए कोई वेकैंसी नहीं है, यह दल विकल्प नहीं बन सकते हैं। ये दल देश के भविष्य नहीं बन सकते हैं। विपक्षी दलों की इस बारात का दूल्हा कौन है ? उन्होंने कहा कि देश 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत नेता और नेतृत्व फिर से चाहता है।

कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2014 में पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद एनडीए सरकार में सहयोगी दलों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। 2019 में ऐतिहासिक बहुमत मिलने के बाद भी भाजपा ने एनडीए के साथियों को सरकार में शामिल किया। एनसीपी में लड़ाई के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अब शरद पवार साहब से अपना कुनबा नहीं संभलता है तो इसमें वे क्या कर सकते हैं।

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