लखीमपुर खीरी। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 11 जुलाई तक बढ़ा दी है। पीड़ितों की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई में तेजी लाने की मांग की और कहा कि इस मामले में 200 गवाह हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में ट्रायल कोर्ट को रोजाना सुनवाई करने का निर्देश देना संभव नहीं होगा, इससे लंबित अन्य मामलों को प्रभावित कर सकता है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ ने निचली अदालत द्वारा शीर्ष अदालत को भेजे गए एक पत्र का अवलोकन किया और कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि निचली अदालत मामले को ईमानदारी से देख रही है।
हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पीठ से अनुरोध किया कि वह ट्रायल कोर्ट से इस मामले में दिन-प्रतिदिन सुनवाई करने के लिए कहे और कहा कि अभियोजन पक्ष के लगभग 200 गवाहों में से अब तक केवल तीन का ही परीक्षण किया गया है।
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि डे-टू-डे ट्रायल संभव नहीं है क्योंकि अन्य मामले भी लंबित हैं। यह लंबित मामलों को प्रभावित कर सकता है। वहीं, प्रशांत भूषण ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को एक सप्ताह में अभियोजन पक्ष के दो गवाहों से पूछताछ करने के लिए कहा जा सकता है। पीठ ने कहा कि निचली अदालत इस मामले पर पांच मई को सुनवाई करेगी।
अदालत ने मंत्री के बेटे को इस शर्त पर जमानत दी कि वह जमानत पर बाहर रहने के दौरान दिल्ली या उत्तर प्रदेश में नहीं रहेंगे। अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा होने के एक सप्ताह बाद उत्तर प्रदेश छोड़ने और संबंधित अदालत को अपने ठिकाने के बारे में सूचित करने के भी आदेश दिए थे।