Saturday, January 18, 2025

धर्म के आधार पर आरक्षण को स्वीकार नहीं किया जा सकता – मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण ना ही हमारा संविधान स्वीकार करता है और ना ही समाज। रही बात कांग्रेस की, तो यह पार्टी अब संविधान के नाम पर लोगों के बीच में भय पैदा करने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की राज्य सरकारें क्या करती हैं? वो कोटा के लोटे से आरक्षण की अफीम चटाने की कोशिश करती हैं, लेकिन जब कोर्ट में मामला पहुंचता है, चाहे वो उच्च न्यायालय हो या सुप्रीम कोर्ट, वो उसे रोक देता है, क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है।”

 

योगी सरकार ने पेश किया 17,865 करोड़ का अनुपूरक बजट

 

उन्होंने कहा, “ संविधान निर्माता, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हमेशा कहा था कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वो समान नागरिक संहिता के दिशा में काम करे। वो संविधान का हिस्सा है और हर सरकार का कर्तव्य है कि वो इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाए। लेकिन, कांग्रेस पार्टी ने पिछले 75 सालों में इस दिशा में कोई पहल नहीं की, अब शुरुआत हो रही है। कई राज्यों ने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं।” उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर अपनी बात रखते हुए कहा, “आज देश जिस चुनावी चक्रव्यूह में फंसा हुआ है, हम देख रहे हैं कि हर महीने कहीं न कहीं चुनाव हो रहे हैं।

 

 

बलिया में भाजपा के कार्यालय पर ही चल गया योगी का बुलडोजर, जिला उपाध्यक्ष का दर्द, ‘हमें तो अपनों ने लूटा…’

 

 

लोकसभा, विधानसभा, पंचायत चुनाव, बाई इलेक्शन—ये सिलसिला लगातार चलता रहता है। इसलिए ‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रस्ताव न सिर्फ हमारे 80 करोड़ मतदाताओं के लिए मददगार साबित होगा, बल्कि इससे चुनावों और मतदान में भी लोगों की रुचि बढ़ेगी। यह एक मजबूत और सरल तरीका होगा। लेकिन अफसोस यह है कि वो लोग जो हमेशा प्रजातंत्र पर हमला करते रहे हैं, आज वही लोग प्रजातंत्र के सबसे बड़े हितैषी बनकर घूम रहे हैं। जब नेहरू जी के समय, गांधी जी के समय, और कांग्रेस के समय एक देश, एक चुनाव होता था, तब क्या वो असंवैधानिक था? क्या वो अलोकतांत्रिक था? बिल्कुल नहीं, उस समय वो पूरी तरह से संवैधानिक था और आज भी यह पूरी तरह से संवैधानिक है। अब देश एक कदम और आगे बढ़ चुका है और इसे रोकना संभव नहीं है।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!