शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में एक 80 प्रतिशत दिव्यांग आठवीं कक्षा के छात्र को दिव्यांग प्रमाण पत्र में 40 प्रतिशत दिव्यांगता दर्ज होने के कारण बैटरी वाली ट्राईसाईकिल नहीं मिल पा रही है, जिससे वह स्कूल नहीं जा पा रहा है। इस संबंध में दिव्यांग छात्र ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी से अपने प्रमाण पत्र में सुधार और ट्राईसाईकिल दिलवाने की मांग की है।
मंगलवार को गांव ताजपुर सिम्भालका निवासी आठवीं कक्षा का दिव्यांग छात्र राजन शामली कलेक्ट्रेट पहुंचा और जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान को एक शिकायती पत्र सौंपते हुए बताया कि वह दोनों पैरों सहित पूरे शरीर से करीब 80 प्रतिशत दिव्यांग है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कैंप में उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र महज 40 प्रतिशत दिव्यांगता का बना दिया गया। इस वजह से उसे इलेक्ट्रिक ट्राईसाईकिल नहीं मिल पा रही है और वह स्कूल जाने में लाचार हो गया है।
राजन ने जिलाधिकारी को बताया कि वह पढ़ाई में सक्षम है और कुछ बनना चाहता है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह इलेक्ट्रिक ट्राईसाईकिल नहीं खरीद सकता। इसके कारण उसकी पढ़ाई अधर में लटक गई है। उसने जिलाधिकारी से अपील की है कि उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र उसकी वास्तविक दिव्यांगता के आधार पर संशोधित किया जाए और स्कूल जाने के लिए बैटरी वाली ट्राईसाईकिल उपलब्ध करवाई जाए।