पटना। हाल ही में पटना की सड़कों पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भारत रत्न देने की मांग करते हुए पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में उन्हें “गरीबों का मसीहा” बताया गया है और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान की मांग की गई है। इस पहल ने बिहार की राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है।
आरजेडी के नेताओं का कहना है कि लालू यादव ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान गरीबों और पिछड़े वर्गों के लिए महत्वपूर्ण काम किए हैं। उनके पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी उन्हें “गरीबों का मसीहा” कहकर संबोधित किया है।
आरजेडी की इस मांग पर जेडीयू ने तंज कसा है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि लालू यादव खुद ईडी-सीबीआई के रत्न हैं. एबीपी न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा कि लालू यादव कैदी नंबर 3351 हैं, होटवार जेल रत्न हैं. बेशुमार दौलत के रत्न हैं.
दूसरी तरफ लालू यादव के भारत रत्न का कांग्रेस भी समर्थन कर रही है, कांग्रेस प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि कर्पूरी ठाकुर के बाद, अगर सामाजिक बदलाव का दूसरा नाम कोई है, तो वह लालू यादव हैं, नीतीश और रामविलास भी लालू के नक्शे कदम पर चल रहे हैं।
हलांकि बीजेपी ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि क्या भारत रत्न बिहार की कई पीढ़ियों को गर्दिश में धकेलने के लिए?बीजेपी के प्रवक्ता नीरज सिंह ने आगे कई सवाल पूछते हुए कहा कि क्या भारत रत्न बिहार की कई पीढ़ियों को बेघर बार करने के लिए? क्या भारत रत्न बिहार में अंधकार का साम्राज्य फैलाने के लिए? क्या भारत रत्न राज्य के उद्योगों पर ताला लगवाने के लिए? क्या भारत रत्न अपहरण को उद्योग का दर्जा दिलवाने के लिए? क्या भारत रत्न उद्योगपतियों को बिहार से बाहर खदेड़ने के लिए? क्या भारत रत्न दर्जनों नरसंहार करवाने के लिए?