Wednesday, April 9, 2025

रालोद नेताओं ने पार्षदों की पिटाई के मामले को एडीजी के सामने उठाया, राज्यमंत्री और एमएलसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

मेरठ। मेरठ में नगर निगम के बवाल के माले में रालोद नेताओं ने एडीजी राजीव सभरवाल से मिलकर राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। साथ ही कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

 

रालोद के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान, नरेंद्र खजूरी,अशोक चौधरी, सतपाल यादव, डॉ. राहुल चौधरी ने एडीजी से मिलकर मांग की कि नगर निगम के बवाल में दूसरे पीड़ित पार्षद कीर्ति की की तहरीर को दर्ज मुकदमे में शामिल किया जाए, जिसमें मंत्री और एमएलसी के नाम शामिल है। एजीडी ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया। उधर, पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इस मामले में जल्द इंडिया गठबंधन की बैठक की जाएगी। निर्णय लेकर एक साथ आंदोलन किया जाएगा।

 

नगर निगम के सदन से सड़क तक बसपा पार्षद आशीष चौधरी, सपा पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला की पिटाई के मामले में सपा नेता और पार्षदों ने मंगलवार सुबह कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज के खिलाफ नामजद मुकदमा करने में आनाकानी हो रही है। सपा पार्षद कीर्ति घोपला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखा तो आंदोलन होगा।

 

 

जिला पंचायत सदस्य हिमांशु सिद्धार्थ, दीपक तोमर, प्रशांत चौधरी, प्रदीप वर्मा, सुखपाल निम्मी, महेंद्र सिंह, जितेंद्र कुमार और राजेंद्र प्रधान सहित अन्य अन्य सपा कार्यकर्ता मंगलवार को कलक्ट्रेट में पहुंच गए। उन्होंने जिलाधिकारी के नाम एसीएम को ज्ञापन सौंपा। बताया गया है कि 30 दिसंबर को निगम की बोर्ड बैठक के दौरान राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज और उनके कार्यकर्ताओं ने वार्ड 31 के अनुसूचित जाति के पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला पर जाति सूचक शब्द कहकर गाली गलौच करते हुए जान से मारने की नियत से हमला किया। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। भाजपा के मंत्री और एमएलसी को बचाया जा रहा है। इस घटना से सम्पूर्ण अनुसूचित जाति के लोग अपमानित महसूस कर रहा है। कीर्ति घोपला की तहरीर पर मंत्री और एमएलसी सहित उनके कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो वह आंदोलन करने के लिए विवश होंगे।

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