Saturday, April 12, 2025

अमेरिका पर भड़के रूस और चीन, नाटो के एशिया में विस्तार का भी किया विरोध !

मॉस्को। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस यात्रा के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ मिलकर दोनों देशों के संबंधों के नए युग की शुरुआत की बात कही हे। दोनों देशों ने अमेरिका पर भड़कने के साथ पश्चिमी देशों द्वारा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के एशिया में विस्तार का विरोध किया है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मॉस्को में हुई मुलाकात के बाद अमेरिका पर जमकर भड़ास निकाली। एक संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका पर वैश्विक सुरक्षा को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए पश्चिमी देशों को निशाने पर लिया। रूस और चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने एकतरफा सैन्य लाभ को सुरक्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक रणनीतिक स्थिरता को कम करने से रोकने का आह्वान किया।

दोनों नेताओं ने एशिया में नाटो की बढ़ती उपस्थिति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने एक समझौते पर हस्ताक्षर कर इसे रूस और चीन के बीच नए युग की शुरुआत करार दिया। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के समक्ष यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए एक शांति प्रस्ताव रखा, जिस पर सहमति नहीं बन सकी। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने चीन की ओर से दिए गए 12 सूत्रीय शांति प्रस्ताव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह यूक्रेन पर बातचीत के लिए तैयार हैं। पुतिन ने कहा कि चीन द्वारा पेश की गई शांति योजना के कई प्रावधानों को शांतिपूर्ण समाधान के आधार के रूप में लिया जा सकता है। लेकिन ये तभी हो सकता है जब यूक्रेन और उसका साथ देने वाले बाकी पश्चिमी देश इसके लिए तैयार होंगे। हालांकि अभी तक रूस ने उनकी ओर से ऐसी तत्परता नहीं देखी है।

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इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। एक बयान जारी कर जेलेंस्की ने कहा कि कीव ने चीन को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और वह बीजिंग से जवाब का इंतजार कर रहा है। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ने चीन को शांति सूत्र के कार्यान्वयन में भागीदार बनने की पेशकश की। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वह चीन को एक निष्पक्ष मध्यस्थ के रूप में सक्षम नहीं देखता है। संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों में एक बिचौलिया बनने के बीजिंग के उद्देश्य की वाशिंगटन ने आलोचना की।

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