कीव – रूसी सेना ने गुरूवार को यूक्रेन के विभिन्न शहरों पर हवाई हमले किये। हमलों की चपेट में आने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गयी और यूरोप के सबसे बड़े नाभिकीय संयंत्र की बिजली व्यवस्था भी बाधित होने से अंधेरा छा गया।
इन हवाई हमलों ने उत्तर में खारकीव से लेकर दक्षिण में ओडेसा और पश्चिम में जाइटॉमिर तक के शहरों को प्रभावित किया। इन हमलों में खारकीव और ओडेसा में इमारतें और बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ, कई इलाकों में बिजली गुल रही। राजधानी कीव पर भी हमले की भी सूचना है। यूक्रेन ने जारी बयान में कहा कि रूस ने 81 मिसाइलें दागीं, जो कई सप्ताह में किया गया अब तक सबसे बड़ा हमला है।
यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि उसने सफलतापूर्वक 34 क्रूज मिसाइलों को हवा में मार गिराया और ईरान निर्मित आठ शहीद ड्रोन में से चार को नष्ट कर दिया है।
गर्वनर मकसिम कोज़ित्स्की ने टेलीग्राम पर कहा कि आज के हमलों में एक रॉकेट के घर में गिरने से पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई।
यूक्रेन के राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री एर्मक ने कहा कि रूसी गोलाबारी में दक्षिणी शहर खेरसॉन में तीन लोगों की मौत हो गई, जहां एक सार्वजनिक परिवहन स्टॉप भी इस हमले में नष्ट हो गया।
गवर्नर सेर्ही लिसाक के अनुसार, निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र में ड्रोन और मिसाइल हमलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
परमाणु ऊर्जा संचालक एनरगोआटम ने कहा कि ज़ापोरिज्जिया संयंत्र में हमले का मतलब है कि यहां से दी जाने वाली बिजली की आपूर्ति सुविधा और यूक्रेनी बिजली व्यवस्था के बीच की आखिरी कड़ी काट देना है। एक साल पहले रूस द्वारा इसे अपने कब्जे में लेने के बाद यह संयंत्र छठी बार डीजल जनरेटर पर चल रहा है, जिसकी आपूर्ति कम से कम 10 दिनों तक चलने के लिए पर्याप्त है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक ने संयंत्र की सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता का आह्वान किया।
यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया क्षेत्र के मॉस्को नियंत्रित हिस्से में रूस द्वारा स्थापित अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र से बिजली स्टेशन को बिजली की आपूर्ति रोकना “उकसावे की कार्रवाई” था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस द्वारा अपनी ‘दयनीय रणनीति’ को अभिव्यक्त करने के बाद यह “एक मश्किलों से भरी रात” थी। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और रिहायशी इमारतों पर हुए बड़े पैमाने पर रॉकेट हमले के बाद ऊर्जा प्रणालियों को बहाल किया जा रहा है और सभी सेवाएं फिर से सुचारू रूप से काम कर रही हैं।