प्रयागराज- मुजफ्फरनगर के थाना नई मंडी क्षेत्र में गैंगस्टर के मामले में बंद संजीव जीवा गैंग से जुड़े सचिन अग्रवाल उर्फ सचिन पटाखा की जमानत सुनवाई आज टल गई है।
मुजफ्फरनगर के व्यापारी मनीष गुप्ता द्वारा थाना नई मंडी में दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर कुख्यात बदमाश संजीव जीवा समेत 9 लोगों को गैंगस्टर में निरुद्ध किया गया था जिनमें संजीव जीवा,उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी, पूर्व सभासद प्रवीण पीटर और सचिन अग्रवाल उर्फ सचिन पटाखा शामिल है। इन 9 में से संजीव जीवा की पिछले बुधवार को हत्या हो गयी है जबकि अमित गोयल को 4 जुलाई तक गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है जबकि पायल माहेश्वरी और अनुराधा माहेश्वरी फरार है ,बाकी सभी जेल में बंद है।
इस मामले में सचिन पटाखा की जमानत अर्जी आज हाई कोर्ट में लगी हुई थी जिसमे आज सुनवाई नहीं हुई, अब इस मामले की सुनवाई 19 जुलाई को होगी जबकि प्रवीण पीटर की जमानत याचिका पर भी 14 जुलाई को सुनवाई होगी।
नई मंडी निवासी मनीष गुप्ता पुत्र प्रकाश चंद गुप्ता ने नई मंडी थाने में 21 मई 2022 को एक मुकदमा दर्ज कराया था, इस मुकदमे में मनीष गुप्ता ने आरोप लगाया था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा समेत 9 लोगों ने उसके साथ धोखाधड़ी, मारपीट व गाली-गलौज आदि की थी। मनीष ने बताया था कि मेरे द्वारा सुनील गोयल पुत्र स्वर्गीय श्री पाल गोयल निवासी लक्ष्मण विहार मुजफ्फरनगर से पचेंडा बाईपास स्थित डेयरी प्लांट की खरीद का सौदा किया गया था। सचिन अग्रवाल उर्फ सचिन पटाखा पुत्र नरेंद्र अग्रवाल निवासी पटेलनगर को भी साझेदार बनाया गया था। प्लाट की कीमत 4 करोड रुपये तय हुई थी जिसमें मनीष द्वारा 2 करोड रुपए का भुगतान सुनील गोयल को कर दिया गया था।
मनीष ने आरोप लगाया था कि सचिन पटाखा ने अपने हिस्से का कोई भुगतान नहीं किया और बाद में हिस्सेदारी को लेकर उसे धमकियां देनी शुरू कर दी। मनीष के मुताबिक 9 फरवरी 2019 को सचिन पटाखा ने अमित गोयल और अमित माहेश्वरी को उनके घर भेजा और उन्होंने घर में घुसकर मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। मनीष गुप्ता ने इस मामले में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा समेत सचिन अग्रवाल, अमित गोयल उर्फ अमित बोना, अमित माहेश्वरी, शुभम बंसल, शैंकी मित्तल ,पूर्व सभासद प्रवीण मित्तल पीटर, अमित माहेश्वरी की पत्नी अनुराधा माहेश्वरी और संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी को भी नामजद कराया था।
पुलिस ने मनीष की तहरीर पर इन सभी के विरुद्ध धारा 342, 347, 386, 452, 392, 406, 420, 323, 504, 506 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। इस मुकदमे के विरुद्ध सभी नामजद अभियुक्त हाई कोर्ट चले गए थे जहां से उन सभी को चार्जशीट तक स्थगन आदेश प्राप्त हो गया था। इस मामले में पुलिस ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है जिसमें इन सभी आरोपियों के विरुद्ध आरोप को सत्यापित किया गया है। पुलिस ने इन सभी पर गैंगस्टर की धारा भी लगा दी जिससे इनकी मुसीबत और बढ़ गयी।
आपको बता दे कि जेल जाने से 2 दिन पहले ही सपा के कोषाध्यक्ष सचिन पटाखा ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर दी तो शिकायतकर्ता मनीष गुप्ता फिर सक्रिय हो गए थे और उन्होंने जिला प्रशासन समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर से भी संपर्क किया था । मनीष गुप्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय समेत जिला प्रशासन से पूछा था कि एक तरफ प्रदेश सरकार 61 माफियाओं में संजीव जीवा के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने का दावा कर रही है, वहीँ संजीव जीवा के विरुद्ध दायर मुकदमे में चार्जशीट के बावजूद भी कोई गिरफ्तारी नहीं की जा रही है।
इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन के निर्देश पर पुलिस ने सचिन पटाखा ,पूर्व सभासद प्रवीण मित्तल उर्फ़ प्रवीण पीटर, शुभम बंसल और अमित माहेश्वरी को गिरफ्तार कर लिया था । सभी अभियुक्तों को गैंगस्टर न्यायालय में पेश कर कर दिया गया था जिसके बाद अदालत ने इन्हे जेल भेज दिया था।