सहारनपुर। सहारनपुर जनपद में आठ जुलाई से लेकर 13 जलाई तक कुल 649 मिमी बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश मंगलवार 11 जुलाई और 12 जुलाई को 24 घंटे के दौरान 225 मिमी बारिश हुई। और बुधवार एवं बृहस्पतिवार को 185 मिमी बारिश हुई जब आठ और नौ जुलाई को 26 मिमी बारिश हुई थी और 9 एवं 10 जुलाई को 80 मिमी बारिश हुई थी।
आज हथिनी कुंड बैराज में पानी का स्तर काफी कम हो गया है। सुबह करीब 8 बजे 53398 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया जो पिछले दिनों की तुलना में काफी कम है। इससे यमुना के जलस्तर में कमी आ सकती है। सहारनपुर नगर में पांवधोई और ढमोला नदियों का जलस्तर भी चार फीट तक कम हो गया है।पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश नहीं होने से लोगों ने राहत की उम्मीद जताई है। पांवधोई नदी के पुल खुमरान से धोबीघाट की ओर जाने वाले दोनों रास्ते अभी भी बंद हैं जहां बीती रात तक 4 फीट पानी भरा हुआ था। कुछ लोग पानी कम होने पर अपने मकानो में लौट गए हैं और कुछ लोगों के मकान में पानी भरा हुआ है जो अभी राहत शिविरों में हैं।
बेहट क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और हिमाचल से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण दिल्ली-यमनौत्री हाइवे में छह स्थानों पर जमीन का भारी कटाव हुआ है और एक स्थान पर हाइवे धस गया है। इस हाइवे पर शिवालिक के बीच दर्रारीठ के पास नदी की तरफ बनी सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो जाने से भारी कटाव हुआ। कई स्थानों पर हाइवे क्षतिग्रस्त हो गया है। इन स्थानों पर लोक निर्माण विभाग की ओर से चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं। इस हाइवे के कभी भी बंद होने की आशंका बनी हुई है। बेहट क्षेत्र में शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली नदियों में आए पानी के उफान से खेती की जमीन पर जलभराव होने से हजारों बीघा उपजाऊ और उस पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई है और जलभाव से दर्जनों गांवों में लोगों की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा। इन गांवों में हीराहेड़ी, मुर्तजापुर, कलसिया, चाटकी, शाहपुर, मलकपुर, दबकौरा, पजराना, जाटो वाला हुसैनपुर मनकप, अम्बेहटा स्माईलपुर, माझीपुर आदि शामिल है। नदियों के किनारे वाली भूमि के कटाव से फसलें नदियों में डूब गई। गांव दबकौरा, सढ़ौली कदिम, सलेमपुर, नंगला खुर्द आदि गांवों में जलभराव और नदी की बाढ़ से घरेलू संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। यही हालत चिलकाना क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा गांवों की है।