कानपुर। देश की आजादी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान को देशवासी कभी नहीं भुला पाएंगे। उन्होंने आजादी के साथ उन हर बिन्दुओं पर कार्य किया जिससे शुद्ध समाज का निर्माण हो। इसके अलावा गरीबों के उत्थान को लेकर एवं देश में सद्भावना कायम रखने के लिए अंतिम समय तक कार्य किया। इस प्रकार अगर यह कहा जाए कि गांधी व्यक्ति नहीं विचार है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह बातें बुधवार को कानपुर में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमंत गुप्ता ने कही। उन्होंने आगे कहा कि आनलाइन बाजार से व्यापारियों का पतन हो रहा है। वक्फ बोर्ड को लेकर कहा कि इसको समाप्त कर सनातन बोर्ड के गठन की हम मांग करते हैं।
अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद ने महात्मा गांधी के जन्म दिन पर गांधी संदेश पदयात्रा निकाली गई। घंटाघर स्थित भारत माता प्रतिमा पर डॉ. सुमंत गुप्ता, नरेश महेश्वरी, सुरेश गुप्ता, अजय गुप्ता एवं कार्यक्रम संयोजक विनोद गुप्ता ने माल्यार्पण एवं पूजन कर संदेश यात्रा की शुरुआत की। गांधी संदेश पदयात्रा घंटाघर नयागंज बिरहाना रोड होते हुए गांधी प्रतिमा फूलबाग पर पुष्पांजलि कर संपन्न हुई। पदयात्रा में एमएलसी सलिल बिश्नोई, विधायक विकास गुप्ता, विधायक पंकज गुप्ता ने पदयात्रा में सहभागिता की। सड़क के दोनों तरफ वैश्य समाज के उप वर्गों व पार्षदों ने पदयात्रा में चल रहे अतिथियों व चित्र पर पुष्पों की वर्षा कर स्वागत किया। युवा वैश्य एकता परिषद के जिला अध्यक्ष आकाश जायसवाल ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र व माला पहनकर स्वागत किया। डॉ.सुमंत गुप्ता ने कहा कि गांधी व्यक्ति नहीं विचार थे उनका अनुसरण सभी को करना चाहिये। एमएलसी सलिल बिश्नोई ने कहा कि बापू ने कानपुर के श्रमिकों की बस्तियों में जाकर लोगों को जीना सिखाया। उन्होंने स्वदेशी अपनाने की प्रेरणा दी। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र माहेश्वरी ने कहा गांधी जी ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ने के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में रोजगार सृजन करने का भी काम किया।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने कहा बापू की जयंती हमें बापू के आदर्शों को याद दिलाती है। गांधी ने अपने सम्बोधन में एक बार कानपुर की तुलना मुम्बई के औद्योगिक प्रगति से की थी। राष्ट्रीय महासचिव अजय गुप्ता ने कहा कि गांधी जी अंतिम बार 22 जुलाई 1934 को कानपुर आए थे। उन्होंने दलितों को मंदिरों में प्रवेश दिलाने के लिए सनातनियों से शास्त्रार्थ किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि अधिकांश मंदिरों के द्वार दलितों के लिए खुल गए थे। विनोद गुप्ता ने कहा कि सरकार को व्यापारी वर्ग से सबसे ज्यादा आय होती है उनकी भी पेंशन योजना लागू होनी चाहिए और टैक्स प्रणाली का सरलीकरण होना चाहिए। पंकज गुप्ता ने कहा युवाओं को गांधी के बारे में अध्ययन करना चाहिए और गांधी के बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने जीवन का सफल पूरा करना होगा तभी नौजवानों को नई दिशा मिल सकेगी। इस दौरान रामेश्वर लाला भैया, धर्म प्रकाश गुप्ता, रमेश गुप्ता, रवि गुप्ता, कृष्ण बब्बू, प्रमोद बॉर्डर, अखिलेश गुप्ता, किशन केसरवानी, बलराम गुप्ता, वंदना गुप्ता, विनायक पोद्दा, सरोज गुप्ता, अलका गुप्ता, राजा गुप्ता, गया प्रसाद आदि मौजूद रहे।