गाजियाबाद। विद्युत चोरी कराने के संबंध में सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायत के आधार पर, उपखण्ड अधिकारी, अवर अभियन्ता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। भूमि के अन्दर विद्युत केबिल डालकर, घरों में विद्युत चोरी कराने के जघन्य अपराध के दृष्टिगत तीन संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। इसके अतिरिक्त शिकायत के आधार पर, विद्युत चोरी में संलीप्त उपभोक्ताओं के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
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लोनी में जमीन के अंदर केबल डालकर विद्युत चोरी
विद्युत वितरण मण्डल-प्रथम लोनी, गाजियाबाद में रिश्वत लेकर लम्बी दूरी के विद्युत कनेक्शन करने और विद्युत चोरी करने की शिकायत मिली थी। इस पर दो सदस्यीय जाँच कमेटी गठित की गई। शिकायत की मौके पर अनेकों कमियां पायी गई। जाँच में अली गार्डन कालोनी में लगभग 30 घरों, हाजी खलील कालोनी में लगभग 18 घरों एवं मुस्कान गार्डन कॉलोनी में लगभग आठ घरों में भूमि के अन्दर केबिल डालकर बिजली चोरी की जा रही थी।
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चोरी की बिजली से चल रहा था सिलाई मशीन कारखाना
इन कालोनियों में कोई विद्युत संयंत्र नहीं है। जाँच किये गये घरों में कोई विद्युत मीटर नहीं मिला। कुछ घरों में समर्सिबल लगे पाये गये। जिनमें से कुछ समर्सिबल पम्प उखडवाये गये। खसरा नं0 703 पर चोरी से सिलाई मशीन का कारखाना चलता पाया गया। जिस पर लगभग 2.4 किवाट का अनाधिकृत प्रयोग किया जा रहा था। इस मामले में अशोक विहार उपकेन्द्र पर तैनात संविदाकर्मी हैदर पुत्र मौ० इखलाक अली, रजी उल्लाह पुत्र रफी उल्लाह एवं उपकेन्द्र बलरामनगर-द्वितीय, लोनी पर तैनात खालिद पुत्र मौ० इखलाक अली को तुरंत बर्खास्त कर दिया गया।
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इन उपरोक्त अनियमितताओं में अवर अभियन्ता रघुवीर शरन, 33/11 केवी उपकेन्द्र-अशोक विहार एवं सन्नी देवल, उपखण्ड अधिकारी, विद्युत वितरण उपखण्ड-द्वितीय (बलराम नगर), लोनी को दोषी पाया गया है। दोनों विद्युत अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया।
इस संबंध में एमडी ईशा दुहन ने बताया कि जीरो टालरेन्स नीति को अमल कमे लाकर कार्य सुनिश्चित कराया जाएगा। अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का उचित प्रकार से निर्वहन न करने, निगम की छवि धूमिल करनें, विभाग को वित्तीय हानि पहुंचाने एवं घोर लापरवाही परिलक्षित होने पर किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाऐगा।