Monday, November 25, 2024

शेरपुरिया ने डालमिया से ल‍िए थे छह करोड़, एसटीएफ कर रही पूछताछ, ईडी ने पीएमएलए मामला किया दर्ज

लखनऊ – पुलिस ‎हिरासत में रिमांड के तीसरे दिन एसटीएफ की पूछताछ में जालसाज संजय राय शेरपुरिया ने बताया कि उसने डालमिया से छह करोड़ रुपए लिए थे, उनसे जमीन खरीदी और अपना आफिस बनवाया था। बची हुई रकम पत्नी और साले के खाते में ट्रांसफर की थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश के धोखाधड़ी करने वाले संजय राय शेरपुरिया और उनके सहयोगी कासिफ के खिलाफ पीएमएलए में मामला दर्ज किया है। ईडी ने इस घटना के संबंध में 1 मई को गाजीपुर में शेरपुरिया के पैतृक घर से लेकर वाराणसी, अहमदाबाद और दिल्ली के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी।

ईडी सूत्रों ने कहा कि उन्हें शेल कंपनियों के बारे में पता चला है, जिनके जरिए आरोपियों ने करोड़ों रुपये का लेनदेन किया था। ईडी ने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिसके बाद पीएमएलए मामला दर्ज किया गया।

एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि शेरपुरिया के एनजीओ को भी गौरव डालमिया की कंपनी से उनके खाते में छह करोड़ रुपये मिले थे। शेरपुरिया वर्तमान में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की हिरासत में है, जिसने उसे धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था। अब ईडी भी उनसे पूछताछ करेगी।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, शेरपुरिया भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के कथित डिफॉल्टर रहे हैं। आरोप है कि शेरपुरिया और उनकी पत्नी कंचन राय की फर्म ने कथित तौर पर एसबीआई से 350 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। उनकी फर्म ने अहमदाबाद स्थित कांडला एनर्जी एंड केमिकल के नाम पर कर्ज लिया था।

यूपी एसटीएफ ने शेरपुरिया को लखनऊ के विभूति खंड से गिरफ्तार किया था , जो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला है।

बताया जाता है कि शेरपुरिया ने डालमिया से 200 गांव में रोजगार के लिए, लिए थे। रुपए डालमिया ने दो बार में अपने ट्रस्ट के खाते से दिए थे। इसके पहले उसने एसटीएफ को बताया था कि डालमिया से छह करोड़ रुपए उसने केंद्रीय एजेंसी की जांच खत्म कराने के नाम पर लिए थे। डालमिया उसकी बड़े नेताओं और अधिकारियों के साथ फोटो देखकर प्रभावित हुआ था। एसटीएफ अन्य बिंदुओं पर और पूछताछ कर रही है। कई बार शेरपुरिया ने बातें घुमाने की कोशिश भी की थी।

एसटीएफ ने जब दुबई में खोले गए दफ्तर और वहां के भेजी गई खातों में रकम के बारे में पूछताछ की तो शेरपुरिया घबरा गया। उससे यह प्रश्न किया गया कि एक करोड़ रुपए किसे दिए गए थे। वह कौन है। इस पर वह चुप्पी साध गया। टीम ने मोबाइल में मिले कई नंबरों के बारे में भी पूछताछ की। उससे एनजीओ और लखनऊ में किन-किन लोगों से संपर्क थे, इस बारे में भी पूछताछ हुई।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय