नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक झटका मिल रहा है। पहले पार्टी के महासचिव पद से स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफ दे दिया। अब पार्टी के दूसरे महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी ने भी अखिलेश यादव को पत्र लिखकर राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफे की बात कही है।
वह पार्टी के द्वारा किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को राज्यसभा नहीं भेजे जाने को लेकर नाराज थे। सलीम इकबाल शेरवानी यूपी से 5 बार सांसद रह चुके हैं। वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे और रविवार की दोपहर को उन्होंने इस पद को छोड़ने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा] उसके बारे में वह अगले कुछ हफ्तों में बताएंगे।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने से पहले सलीम इकबाल शेरवानी ने अपने करीबियों और समर्थकों के साथ दिल्ली स्थित इस्लामी कल्चर सेंटर में बैठक की। वह यूपी में किसी भी मुस्लिम को सपा की तरफ से राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने को लेकर आलाकमान से नाराज चल रहे थे।
अखिलेश यादव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है, राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया। बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता, लेकिन किसी मुसलमान को यह सीट मिलनी चाहिए। मुझे लगता है कि सपा में रहते हुए मैं मुसलमानों की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं ला सकता।
सलीम इकबाल शेरवानी 4 बार सपा और 1 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनकर संसद तक पहुंचे हैं। वह हर बार बदायूं लोकसभा सीट से जीतते रहे हैं। वह 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में गए थे और फिर सपा में वापस आ गए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य और सलीम शेरवानी के इस्तीफे के बाद अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) मुहिम को तगड़ा झटका लगा है।