शिमला। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में दूसरे समुदाय की लड़की से प्रेम करने पर 21 वर्षीय युवक की हत्या के बाद से शुक्रवार को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। प्रदर्शनकारियों ने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है। पीड़ित परिवार फांसी की सजा की मांग कर रहा है।
खच्चर मालिक मनोहर लाल के शव को कथित तौर पर युवती के परिजनों द्वारा बेरहमी से आठ टुकड़ों में काटकर एक नाले में फेंक दिया गया था।
घटना जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटे चंबा के जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर सलूनी उप-मंडल की भंडाल पंचायत की है।
मनोहर लाल 6 जून से लापता था और 9 जून को उसका शव मिला था।
पुलिस ने हत्या के आरोप में चार नाबालिगों सहित 10 लोगों को हिरासत में लिया है, जो सभी एक मुस्लिम देहाती परिवार से संबंध रखते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्य भाजपा प्रमुख राजीव बिंदल के काफिले को पुलिस ने चंबा जिले में प्रवेश करने से रोक दिया।
वे बड़ी संख्या में भाजपा समर्थकों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे।
भीड़ द्वारा आरोपी के घर में आग लगाने के बाद प्रशासन ने गुरुवार को जिले भर में निषेधाज्ञा लागू कर दी।
पीड़िता के पिता ने मीडिया से कहा, मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। वह हमारा इकलौता बेटा था, हमें न्याय चाहिए।
भाजपा नेता और कार्यकर्ता बाद में डलहौजी कस्बे में एकत्र हुए जहां बिंदल ने इस घटना के खिलाफ शनिवार को राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया।
बिंदल ने मीडिया से कहा, हम मनोहर लाल के परिवार के साथ खड़े हैं और न्याय मिलने तक नहीं रुकेंगे। सरकार ने हमें पीड़ित परिवार से मिलने से रोक दिया है और कल हम सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा, हम हत्या के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।
ठाकुर ने कहा, एक घंटे तक धरने पर बैठने के बाद हम वापस आ गए क्योंकि सरकार ने हमें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। ऐसे में या तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू या उनके कैबिनेट सहयोगियों को घटनास्थल का दौरा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा एनआईए जांच की मांग कर रही है क्योंकि आरोपियों में से एक के खाते में कथित वित्तीय लेन-देन था जिसने अपराध के मकसद के बारे में संदेह पैदा किया।
पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर राज्य की राजधानी से करीब 450 किलोमीटर दूर चंबा में उपायुक्त कार्यालय के बाहर भी इसी तरह का विरोध-प्रदर्शन किया गया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि शव मिलने के चार दिन बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की तो गुस्सा भड़क गया। इसके बाद 14 जून को एक विरोध शुरू हुआ जो एक दिन बाद आरोपी के घर को जलाने के साथ हिंसक हो गया।
उप महानिरीक्षक अभिषेक दुल्लर के साथ चंबा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने घटना पर द:ुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
राज्यपाल ने यहां जारी एक बयान में कहा कि शांतिप्रिय राज्य हिमाचल प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बेहद निंदनीय हैं।
उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने से बचने की अपील की। राज्यपाल ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।