मेरठ। पिछले कई दिनों से पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से नदी उफान पर आ गई है। सुबह चार बजे बिजनौर बैराज से एक लाख 29 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया, जिससे खादर क्षेत्र में कच्चे तटबंध की स्थिति नाजुक बनी हुई। उधर, बिजनौर में भी प्रशासन ने मुनादी कराकर गांव वालों को अलर्ट कर दिया है।
पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गंगा नदी उफान पर आ गई है।
गंगा नदी के उफान पर आने से खादर क्षेत्र में कच्चे तटबंध पर कटान का खतरा बढ़ गया है। इस कटान को रोकने के लिए मनरेगा के श्रमिक और खादर क्षेत्र में विकास खंड से मनरेगा के सैकड़ों मजदूर लगे हुए हैं।
वहीं, तेज बारिश में भी कटान को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। जेसीबी मशीन से कच्ची तटबंध की साइड में मिट्टी लगाकर मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इस मामले में खादर क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि अगर गंगा का थोड़ा सा भी जलस्तर बढ़ता है तो कच्चा तत्व टूटकर खादर क्षेत्र में तबाही मचा सकता है। इसलिए इस कटान को रोकने के लिए समय से पुख्ता प्रबंध करने होंगे।
सैकड़ों की संख्या में सुबह ग्रामीण तटबंध पर पहुंचे। उसके बाद मामले की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी। वहीं, अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। क्षेत्र में बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है। एसडीएम अखिलेश यादव गंगा के जलस्तर पर पूरी तरह निगाहें बनाए हुए हैं और पल-पल की अपडेट वार्ड चौकियों पर तैनात लेखपालों से लिया जा रहा है। वहीं, सिंचाई विभाग के अधिकारी भी तटबंध पर तैनात किए गए हैं।
बताया गया कि मंगलवार दोपहर एक बजे हरिद्वार से एक लाख 77 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो खादर क्षेत्र में पहुंचकर हालातों को और नाजुक बना सकता है।