बलिया। सरकारी नौकरी का लालच देकर लोगों को ठगने वाले गिरोह का फंडाफोड़ हुआ है। फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर सीधे-साधे लोगों से मोटी रकम ऐंठते वाले गिरोह के छह शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें स्थानीय न्यायालय में संविदा पर तैनात दो बाबू भी शामिल हैं। इनके पास से पुलिस ने फर्जी नियुक्ति पत्र, रजिस्टर व लैपटाप बरामद किया है।
एडिशनल डीपी तिवारी ने मंगलवार सुबह बताया कि 25 अगस्त को कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग जिला न्यायाधीश का कूटरचित फर्जी हस्ताक्षर व हाईकोर्ट इलाहाबाद की मोहर अंकित कर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करते हैं। इसके बाद मामले के पर्दाफाश के लिए पुलिस की दो टीमें लगाई गई थीं।
एएसपी ने बताया कि कोतवाली के निरीक्षक ओमप्रकाश यादव व प्रभारी साइबर सेल संजय शुक्ल की संयुक्त पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर जलाल अहमद पुत्र स्व मोबीन अहमद, जुनैद अहमद पुत्र समसेर साह व हिमांशु बरनवाल पुत्र दिलीप बरनवाल निवासीगण रतसर थाना गड़वार को बस स्टैण्ड के पास से सोमवार को गिरफ्तार किया। इनके पास से उपस्थिति रजिस्टर, नियुक्ति पत्र, कैन्डीडेट की लिस्ट, कैन्डीडेट को सूचित करने वाली लिस्ट की छाया प्रति बरामद हुई। पकड़े गये तीनों अभियुक्तों ने बताया है कि उनके गिरोह में निहाल सिंह पुत्र कदम राम निवासी रामपुर थाना कोतवाली, हातिम उर्फ अब्दुल रहमान पुत्र मो. आरिफ खान निवासी विशुनीपुर सब्जी मार्केट थाना कोतवाली व सिरादुद्दीन उर्फ बंटी पुत्र समसुद्दीन अंसारी निवासी विशुनीपुर थाना कोतवाली भी शामिल हैं। जिन्हें काजीपुरा रेलवे क्रासिंग के पास से गिरफ्तार किया गया। इसमें हातिम व निहाल कचहरी में एडहाक पर नौकरी करते हैं। इसी का फायदा उठाकर ये लोग जिला जज का हस्ताक्षर प्राप्त कर उसे अपने मोबाईल में लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करते थे।
उन्होंने बताया कि यह एक संगठित गिरोह है जो कि जो कि कूटरचना करके फर्जी नियुक्ति पत्र और कई अन्य फर्जी दस्तावेज तैयार करते हैं। इससे काफी धन अर्जन भी किया है। ये प्रति कैन्डीडेट एक लाख रुपया लेते हैं। जिसमें से 40 हजार रुपया हातिम उर्फ अब्दुल रहमान व निहाल को देते हैं।