मुंबई। महाराष्ट्र के कल्याण में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जहां चांदीनगर थाना क्षेत्र के मंगलराघो नगर में स्थित सप्तशृंगी नामक चार मंजिला आवासीय इमारत की दूसरी मंजिल का स्लैब अचानक गिर गया। यह स्लैब सीधा नीचे तक धंस गया, जिससे इमारत के निचले मंजिलों में रह रहे लोग इसकी चपेट में आ गए। इस हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें तीन महिलाएं और एक डेढ़ साल की बच्ची शामिल हैं।
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तीन अन्य घायल लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। अनुमान है कि करीब 10 लोग अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। इस घटना को लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी निर्देश दिया है कि मलबे में फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए और इमारत में रहने वाले अन्य लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए नागरिकों के परिजनों को जिला आपदा राहत कोष से सहायता प्रदान करने को कहा। घटना की सूचना जिला आपदा प्रबंधन सेल को दोपहर 2:55 बजे मिली, जिसके बाद थाने की डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया।
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मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आने की आशंका है। मृतकों के नाम :- प्रमिला साहू (58), नामस्वी शेलार (1.5), सुनीता साहू (37), सुजाता पाडी (32), सुशीला गुजर (78), व्यंकट चव्हाण (42)। घायलों के नाम :- अरुणा रोहिदास गिरणारायन (48), शरवील श्रीकांत शेलार (4), विनायक मनोज पाधी (45), यश क्षीरसागर (13), निखिल खरात (27), श्रद्धा साहू (14)। स्थानीय निवासियों के अनुसार, सप्तशृंगी इमारत भी काफी पुरानी थी और इसकी मरम्मत की सख्त जरूरत थी। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की बात कही है।
यह हादसा एक बार फिर महाराष्ट्र में जर्जर और असुरक्षित इमारतों की स्थिति पर सवाल खड़े करता है। यह हालिया वर्षों में इमारत गिरने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले 27 जुलाई 2024 को नवी मुंबई के बेलापुर इलाके में एक चार मंजिला इमारत गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और दो घायल हुए थे। वहीं, 20 जुलाई 2024 को मुंबई के ग्रांट रोड इलाके में एमएचएडीए की एक इमारत का स्लैब और बालकनी गिरने से एक महिला की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए थे। उस मामले में एमएचएडीए ने बताया था कि निवासियों को छह महीने पहले नोटिस दिया गया था, फिर भी कई लोगों ने इमारत खाली नहीं की थी। 2018 से 2022 के बीच महाराष्ट्र में इमारत ढहने की घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इन घटनाओं के पीछे पुरानी और अवैध इमारतों की खराब हालत, घटिया निर्माण सामग्री और समय पर मरम्मत न किया जाना प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।