Wednesday, February 5, 2025

जीवनशैली में छोटे बदलाव, कैंसर से बड़ी सुरक्षा

जैसा कि कहा जाता है, रोकथाम इलाज से बेहतर होती है, और यह बात हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सबसे अधिक सच साबित होती है। 2022 में भारत में अनुमानित 14,61,427 कैंसर के मामले सामने आए, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि हमें अपनी जीवनशैली को लेकर सतर्क रहना चाहिए। छोटे-छोटे बदलाव आपकी दिनचर्या में बड़ा अंतर ला सकते हैं और आपको स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। कैंसर की रोकथाम का मतलब परफेक्शन नहीं, बल्कि सही और लगातार किए गए प्रयास हैं। आपके द्वारा अपनाई गई हर स्वस्थ आदत इस गंभीर बीमारी के जोखिम को कम करने में योगदान देती है।

हमारे आहार का कैंसर के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। शोध बताते हैं कि संपूर्ण और पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थ कोशिकीय उत्परिवर्तन (Cellular Mutations) के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान कर सकते हैं। सही आहार में एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर रंग-बिरंगे फल और सब्जियां, साबुत अनाज, कम मात्रा में रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट, ब्रोकली और केल जैसी क्रूसीफेरस सब्जियां, और मछली, दाल व पौधों से प्राप्त प्रोटीन को शामिल करना चाहिए।

नियमित व्यायाम करना कैंसर की रोकथाम का एक प्रभावी तरीका है। शारीरिक गतिविधि हार्मोन को नियंत्रित करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और सूजन को कम करने में मदद करती है। शक्ति प्रशिक्षण को दिनचर्या में शामिल करना, लंबे समय तक बैठे रहने से बचना और अपनी पसंदीदा शारीरिक गतिविधियों को अपनाना स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है।

अत्यधिक वजन बढ़ने से कई अंगों में कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। फैट टिशू (Fat Tissue) ऐसे हार्मोन और सूजन उत्पन्न करने वाले यौगिकों का उत्पादन करता है, जो कोशिकाओं में नकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए अपने बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को 18.5 से 24.9 के बीच बनाए रखना, धीरे-धीरे और स्थायी रूप से वजन कम करने पर ध्यान देना और प्रतिरोध प्रशिक्षण (Resistance Training) से मांसपेशियों को मजबूत करना जरूरी है।

कैंसरकारी (Carcinogens) तत्वों से बचना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए धूम्रपान छोड़ना, सेकेंड-हैंड स्मोक से बचना, शराब के सेवन को सीमित करना, प्राकृतिक और गैर-विषैले घरेलू सफाई उत्पादों का उपयोग करना, जैविक (ऑर्गेनिक) खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देना और पर्यावरण प्रदूषकों के संपर्क को कम करना आवश्यक है।

क्रॉनिक स्ट्रेस (Chronic Stress) हार्मोनल और इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डालता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। तनाव को कम करने के लिए नियमित रूप से ध्यान (Meditation) और माइंडफुलनेस (Mindfulness) का अभ्यास करना, 7-9 घंटे की पर्याप्त नींद लेना, जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल काउंसलिंग लेना और मजबूत सामाजिक समर्थन प्रणाली विकसित करना सहायक हो सकता है।

स्वस्थ जीवन के लिए पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखना भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए घर में एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) का उपयोग करना, प्राकृतिक व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों (Natural Personal Care Products) को प्राथमिकता देना, प्लास्टिक के उपयोग को कम करना, प्रकृति के संपर्क में समय बिताना और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखना जरूरी है।

हालांकि यह कोई जीवनशैली परिवर्तन नहीं है, लेकिन नियमित हेल्थ स्क्रीनिंग स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कैंसर की जांच से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन करना, अपने परिवार के जेनेटिक इतिहास को समझना, नियमित रूप से स्व-परीक्षण (Self-Examinations) करना और वार्षिक हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है ताकि किसी भी संभावित समस्या का जल्दी पता लगाया जा सके।

निष्कर्षतः, कैंसर से बचाव के लिए छोटे-छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण जीवनशैली परिवर्तन आवश्यक हैं। सही पोषण, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण, हानिकारक तत्वों से बचाव, तनाव प्रबंधन और नियमित जांच से कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए जागरूक बनें और सही आदतें अपनाएं!

 

चारु लता

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