मेरठ। आज आधुनिक युग को अपना गुलाम बना चुका स्मार्टफोन अब सात फेरों के मजबूत बंधन को कमजोर कर रहा है। दरअसल, वन स्टाप सेंटर में पिछले तीन माह में दंपती के बीच स्मार्टफोन को लेकर विवाद के करीब 50 मामले दर्ज किए गए। जिनमें से 15 के बीच पत्नी को स्मार्टफोन दिलाने की शर्त पर समझौता हुआ जबकि अन्य के मुकदमे चल रहे हैं।
पिछले एक साल के आंकड़ों की बात करें तो 60 प्रतिशत दंपती के बीच स्मार्टफोन को लेकर विवाद हुआ है। वन स्टाप सेंटर की प्रभारी ने बताया कि ज्यादातर पति-पत्नी के बीच स्मार्ट फोन को लेकर विवाद के मामले सामने आ रहे हैं। दंपती एक दूसरे पर परिवार की बजाय मोबाइल पर अधिक समय देने का आरोप लगाते हैं।
इसमें पति का आरोप है कि पत्नी ज्यादातर मोबाइल फोन में रील्स, वीडियो आदि बनाने में समय खराब करती है। वहीं महिलाओं का आरोप है कि काम के बाद भी पति मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं या यू-ट्यूब पर वीडियो देखते हैं। इसके चलते पति-पत्नी के बीच दूरी बनने लगती और धीरे-धीरे विवाद में बदल जाती है।
विवाद का कारण बन रही यह समस्याएं
महिला का अपनी मायके में पूरे दिन बातचीत करना।
एक-दूसरे पर अवैध संबंधों का शक।
पूरे दिन इंस्टाग्राम पर रील्स बनाना।
मोबाइल के कारण ज्यादा आनलाइन शापिंग करना।
देर रात तक फोन में वीडियो देखते रहना।
मोबाइल के कारण परिवार पर ध्यान नहीं देना।
केस-1 परतापुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पति ने अपनी पत्नी पर ज्यादा फोन में व्यस्त रहने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। काउंसलिंग के दौरान पत्नी ने आरोप लगाया कि उसका पति देर रात तक मोबाइल फोन में वीडियो देखता है। काफी प्रयास के बीच दोनों पक्षों में एक-दूसरे की बात मानते हुए समझौता हो गया।
केस-2 शास्त्री नगर निवासी एक दंपती के बीच मोबाइल फोन को लेकर विवाद हो गया था। तीन बार काउंसलिंग हुई। इसमें पत्नी के दिन में चार घंटे स्मार्ट फोन चलाने व पति ने देर रात तक फोन न इस्तेमाल करने की बात कही। इसके बाद दोनों के बीच समझौता हो गया अब वह दोनों साथ रह रहे हैं।