बिजनौर। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक चौंकाने वाले खुलासे में दामाद ने अपने ससुर को इसलिए मार डाला, क्योंकि वह स्वस्थ थे और अभी लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना थी।
दामाद को लगता था कि अगर वह लंबे समय तक जिंदा रहेंगे तो उसे संपत्ति जल्दी नहीं मिल पाएगी। संपत्ति के लालच में उसने ससुर की हत्या कर दी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रवीण रंजन ने बताया कि 6 अगस्त को हल्दौर थाना अंतर्गत गांव अथाई-जमरूदीन जाने वाले रास्ते से 73 वर्षीय बुजुर्ग का शव बरामद किया गया था। मृतक की पहचान दामनगर लकड़ा गांव के चन्द्रपाल के रूप में हुई।
पीड़ित की पत्नी ने फरमान उर्फ गोलू को नामजद कर प्राथमिक दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में उसके दामाद ऋषिपाल के अलावा दो सहयोगी फरमान और जितेन्द्र की संलिप्तता का पता चला और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एएसपी ने कहा कि आरोपी ऋषिपाल ने अपराध को कबूल किया है और पुलिस पुछताछ में बताया कि मृतक के चार बेटी और दो बेटे थे। मृतक चन्द्रपाल के पास तीस बीघा भूमि थी। जिसकी मृतक द्वारा तीन-चार साल पहले एक वसीयत कराई गई थी, कि मेरे मरने के बाद मेरी तीस बीघा भूमि दो बेटियों में बराबर-बराबर भागों में बांट दी जाए।
जब पुलिस ने ऋषिपाल से पूछा कि उसको ससुर को मरवाने की क्या जरूरत है, जब उनके बाद संपत्ति उसकी पत्नी को अपने आप मिल जाती।
इस पर आरोपी ने कहा कि उसके ससुर चन्द्रपाल स्वस्थ थे और अपनी तीस बीघा जमीन में से चार बीघा जमीन जितेन्द्र को बेच दी और चार बीघा जमीन अपनी पुत्रवधू रीना के नाम कर दी। चार बीघा जमीन वह अपने छोटे बेटे के नाम करने जा रहे थे।
जब सारी संपत्ति को वह बेच देते तो वसीयत में उन्हें क्या मिलता। जब ऋषिपाल ने ससुर को मरवाने की अपनी साजिश के बारे में चर्चा की, तो फरमान और जितेन्द्र ने उसे सहयोग करने की बात कही। फरमान और जितेन्द्र ने मृतक चन्द्रपाल से 15 लाख रुपए उधार ले रखे थे।
ऋषिपाल ने अपने ससुर को मारने के लिए शराब पिला दी। योजना के अनुसार, गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी और बाद में सड़क किनारे झाड़ियों में शव को छिपा दिया।