रामपुर- समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीन साल पुराने भड़काऊ भाषण मामले में बुधवार को बरी कर दिया।
आजम के वकील जुबैर अहमद ने कहा कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) वीर सिंह की एमपी-एमएलए कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को दरकिनार करते हुए सपा नेता को बरी कर दिया। उन्होंने दावा किया कि अदालत में उन सबूतों को रखा गया जिनके आधार पर आजम को निचली अदालत ने दोषी करार दिया था। निचली अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।
आदेश के समय आजम खान अपने बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के साथ कोर्ट में मौजूद थे। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद आजम को उत्तर प्रदेश विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
27 अक्टूबर 2022 को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खां को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा के साथ 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-एक निशांत मान की एमपी-एमएलए अदालत ने बाद में आजम को जमानत दे दी और उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था ।
उल्लेखनीय है कि आजम पर लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी और तत्कालीन डीएम के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इस संबंध में कृषि विकास अधिकारी (एडीओ) अनिल कुमार चौहान ने 2019 में आजम के खिलाफ मिलक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उस समय एडीओ चौहान वीडियो निगरानी अनुभाग के प्रभारी के पद पर तैनात थे।