नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर उत्तर प्रदेश के साथ पाप करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2004 से 2014 के दौरान सपा केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार को समर्थन दे रही थी, लेकिन इन दस वर्षो के दौरान सपा ने सरकार से व्यक्तिगत लाभ तो लिया, लेकिन कभी भी लोकसभा या राज्यसभा में उत्तर प्रदेश को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं रखा और न ही पार्टी बैठकों में केंद्र से यूपी के लिए कोई मांग की, जबकि वर्तमान में एनडीए के यूपी से सभी 64 सांसदों के खाते में संसदीय क्षेत्र से जुड़ी 30 से 40 उपलब्धियां हैं, जिसका रिपोर्ट कार्ड सभी सांसद जनता को दे भी रहे हैं।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह भाजपा का ही प्रभाव है कि अखिलेश यादव नैमिषारण्य तीर्थ में जाकर बैठक कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आने, रोजगार के अवसर बढ़ने और कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष को अपना चश्मा बदल लेना चाहिए, ताकि उन्हें सही तस्वीर दिखाई दे सके।
मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को लेकर भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करने के दौरान पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि अब सारा देश यह महसूस कर रहा है कि अडानी मसले का बहाना बनाकर विपक्ष ने सिर्फ संसद को ठप्प करने का प्रयास किया, जबकि सरकार शुरू से ही इस मसले पर निष्पक्ष कदम की बात कहती रही, जहां तक बाकी प्रक्रिया की बात है, मामला सुप्रीम कोर्ट के दायरे में है। लेकिन कांग्रेस का दोहरा चरित्र शुरू से ही रहा है। उन्होंने संसद ठप्प करने का प्रयास किया और दूसरी तरफ अडानी का राजस्थान में स्वागत किया, आगे भी करेंगे, क्योंकि कांग्रेस ने देश के प्रति कभी भी स्पष्ट सोच और समग्र चरित्र के साथ काम नहीं किया।
मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्योग धंधे को लेकर वातावरण बदलने का काम किया। पीएलआई जैसी योजनाओं से उद्योगों को मदद देने का काम किया। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 28 करोड़ 37 लाख लोग कवर हुए हैं, अटल पेंशन योजना में 4 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है। डीबीटी का सबसे बेहतर इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री मोदी ने यह दिखा दिया है कि एक संकल्पबद्ध प्रधानमंत्री कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि 5 करोड़ से ज्यादा बच्चों का देश में टीकाकरण हुआ है, श्रमिक कल्याण के लिए ‘पीएम श्रमयोगी मानधन योजना’ के तहत 44 करोड़ 32 लाख से अधिक श्रमिक पंजीकृत किए जा चुके हैं।