नयी दिल्ली। एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में सरकार ने आगामी 18 सितम्बर से संसद का पांच दिन का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है जिसमें पांच बैठकें होंगी।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरूवार को एक ट्वीट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितम्बर तक बुलाया जा रहा है जिसमें पांच बैठकें होंगी। यह 17 वीं लोकसभा का 13 वां और राज्यसभा का 261 वां सत्र होगा। उन्होंने कहा कि अमृतकाल में सरकार सार्थक चर्चा करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई को शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र इसी महीने की 11 तारीख को संपन्न हुआ था। इस सत्र के दौरान 23 दिन में 17 बैठकें हुई थी। विपक्षी दलों ने मणिपुर के मुद्दे को लेकर तरकीबन हर रोज सदन में हंगामा किया। हालाकि सरकार ने इस दौरान अनेक महत्वपूर्ण विधेयक हंगामे के बीच ही पारित कराये।
यह बैठक संसद के नए भवन में होने की जानकारी है। इस दौरान करीब 10 विधेयक पेश किए जा सकते हैं। केंद्रीय सचिवालय के अधिकारियों और राजनीतिक दलों को इतने भर से संतोष नहीं हो रहा है। सभी को लग रहा है कि सरकार कुछ बड़ा करने वाली है। एक देश एक चुनाव जैसे बड़े फैसले भी किये जाने की चर्चा गर्म है।
विपक्षी दल आशंका भी जता रहे हैं कि सरकार दिसंबर-जनवरी तक प्रस्तावित लोकसभा चुनाव कराने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है। यह भी संभव है कि लोकसभा के साथ देश में सभी विधानसभा चुनावों को कराने की घोषणा हो जाए ? मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता भी इसकी टोह लेने में लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने आज इंडिया की बैठक में भी विपक्षी दलों को इस पर भी नज़र बनाये रखने की सलाह दी है। बसपा के एक सांसद का कहना है कि भाजपा ने हेलीकाप्टर, होटल आदि सब पहले ही बुक कर लिया है। एआरओ और आरओ की ट्रेनिंग आदि की तैयारी चल रही है। यह तैयारियां चुनाव को पहले कराने से जुड़ी हैं।अभी सरकार की तरफ से संसद का विशेष सत्र बुलाने के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया है। लोकसभा सचिवालय सूत्रों को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।