भुवनेश्वर। ओडिशा में 2024 के विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य में सत्तारुढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष चुनावी लड़ाई हार गए।
![](https://royalbulletin.in/wp-content/uploads/2024/05/IMG_20240504_175237.jpg)
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष शरत पटनायक, भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल और बीजद के अध्यक्ष नवीन पटनायक को अपनी-अपनी विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
एक ओर जहां सामल के नेतृत्व में भाजपा ने जादुई आंकड़ा पार कर इतिहास रचते हुए 24 साल पुरानी बीजद सरकार को उखाड़ फेंका, वहीं खुद सामल चांदबली विधानसभा सीट हार गए।
2004 के चुनाव में धामनगर सीट से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए सामल ने इस बार चांदबली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया, लेकिन उन्हें मौजूदा बीजद विधायक ब्योमकेश रे से 1,916 वोटों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
दूसरी ओर नुआपाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शरत पटनायक को ओडिशा के योजना एवं अभिसरण मंत्री राजेंद्र ढोलकिया (बीजद) ने 10,881 वोटों के अंतर से हरा दिया।
विडंबना यह है कि बीजद अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस बार अपनी पारंपरिक विधानसभा सीट हिन्जिली को छोड़कर कांटाबांजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण बाग से 16,334 वोटों के अंतर से हार गए। हिन्जिली से वह लगातार छह बार जीते थे। बहुकोणीय मुकाबले में श्री पटनायक को 74,532 वोट मिले, जबकि
बाग को 90,876 वोट मिले, जबकि मौजूदा कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सलूजा 26,839 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
इसके अलावा, ओडिशा कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष भी चुनाव हार गए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निरंजन पटनायक, जो ओडिशा विधानसभा के लिए चार बार रामचंद्रपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं और दो दशकों तक कैबिनेट मंत्री रहे, भंडारीपोखरी विधानसभा सीट से बीजद के संजीव कुमार मल्लिक के खिलाफ 1,551 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए।
पटनायक को 70,896 वोट मिले जबकि मलिक को 72,447 वोट मिले। कांग्रेस के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष जयदेव जेना भी आनंदपुर विधानसभा सीट से बीजद के अभिमन्यु सेठी से 10,966 मतों के अंतर से हार गए। जेना ने इससे पहले दो बार 1995 और 2004 के विधानसभा चुनावों में आनंदपुर विधानसभा सीट जीती थी।