अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने राजस्थान के तिजारा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक राजनीतिक रैली के दौरान ‘सरकार बनने पर गुरुद्वारा साहिबों को उखाड़ने’ वाले बयान पर संज्ञान लिया है और इसकी सख्त शब्दों में निंदा की है।
एडवोकेट धामी ने गुरुवार को कहा कि पहले सिख गुरु श्री गुरु नानक देव के आशीर्वाद से सरबत दा भला (सभी का कल्याण) के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिये आज दुनिया भर में गुरुद्वारा साहिब स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारों ने हमेशा संकटग्रस्त और जरूरतमंदों की मदद की है। देश और विदेश में जब भी कोई आपदा आयी है, गुरुद्वारे और सिख संस्थायें हमेशा सबसे आगे रहे हैं और बिना किसी भेदभाव के मानवता की सेवा की है।
उन्होंने कहा कि रैली के दौरान गुरुद्वारा साहिबों के बारे में नफरत भरा बयान श्री गुरु नानक देव के पवित्र विचार को हराने के लिए भाजपा नेताओं की साजिश है, जो पुराने समय में भी किया गया था। उन्होंने कहा कि अब फिर से देश में जानबूझकर इस प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव ने देश और समाज को संकीर्णता
से बाहर निकाला और सरबत दा भला का संदेश दिया, लेकिन आज भाजपा नेता फिर उसी सोच की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारों के दरवाजे हर किसी के लिए हमेशा खुले हैं।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की इस रैली के समय मंच पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे और यह उनकी जिम्मेदारी थी कि वह मौके पर ही इस तरह के बयान का विरोध करते। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने भी इसी सोच के तहत सिख धर्मस्थलों पर हमला किया था और आज भाजपा भी उसी राह पर चलती नजर आ रही है।