Thursday, January 9, 2025

दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन कार्यालय पर छात्रों ने जड़ा ताला

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) व डूसू से जुड़े छात्रों ने विश्वविद्यालय के डीन के कार्यालय पर ताला जड़ दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि एक नाबालिग छात्रा के शोषण के आरोपी प्राध्यापक को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। लगभग छह घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद बुधवार शाम आरोपी प्राध्यापक ने संयुक्त डीन स्टूडेंट वेलफेयर के पद से इस्तीफा दे दिया। अभाविप कार्यकर्ताओं और अभाविप नीत डूसू ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन तथा ज्वाइंट डीन (छात्र कल्याण) कार्यालय पर ताला जड़ते हुए रामजस कॉलेज की एक नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोपी प्राध्यापक को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की। छात्रों ने इस संबंध में पुलिस जांच कराने की मांग की है।

इस मांग के साथ कार्रवाई की मांग करते हुए अभाविप कार्यकर्ता कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे थे। छात्रों का कहना है कि लगभग एक माह पूर्व रामजस महाविद्यालय में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ वहां के प्राध्यापक ने यौन शोषण तथा छेड़छाड़ किया था, जिसकी शिकायत छात्रा ने की थी। आरोपी प्राध्यापक द्वारा इस मामले को दबाने और छात्रा की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न किए जाने पर रामजस महाविद्यालय की अभाविप इकाई ने 24 दिसंबर को कॉलेज में प्रदर्शन कर प्राध्यापक के निलंबन की मांग की। यह प्राध्यापक स्टूडेंट वेलफेयर मामलों का ज्वाइंट डीन भी है। डूसू का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस से भी मिला था।

छात्रों ने पुलिस से मामले का संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई की मांग की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पदाधिकारियों उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह तथा सचिव मित्रविंदा कर्नवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम ज्ञापन देकर उक्त प्राध्यापक को सभी प्रशासनिक पदों से निलंबित कर त्वरित जांच की मांग की थी। छात्रों का कहना है कि जब पिछले 10 दिनों में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तथा आरोपी प्राध्यापक अपना रसूख दिखाते हुए विश्वविद्यालय में घूमता रहा तो बुधवार को विद्यार्थी परिषद ने कार्यालय पर तालाबंदी कर आरोपी प्राध्यापक के निलंबन की मांग की। छात्रों के मुताबिक इस क्रम में जब आंदोलन के लिए रामजस कॉलेज के कुछ छात्र अपने महाविद्यालय से निकल रहे थे, तब उक्त प्राध्यापक के मित्र ने उनको रोकने का प्रयास करते हुए उन्हें आंदोलन करने से मना किया। इसके बाद भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कार्यालय पहुंच कर वहां तालाबंदी कर दी।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की सचिव मित्रविंदा ने कहा कि रामजस प्रशासन तथा दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से बार-बार बात करने के बाद भी दिल्ली विश्वविद्यालय ने आरोपी प्राध्यापक पर कोई कार्रवाई नहीं की तथा वह विश्वविद्यालय में अपना रसूख दिखाता हुआ खुला घूम रहा है। हमें मजबूरी में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफिस पर ताला लगाना पड़ा। उन्‍होंने कहा क‍ि जब तक आरोपी को पदच्युत नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा, “इस प्रकरण में छात्रा को न्याय दिलाने के लिए अभाविप एक महीने से निरंतर लड़ाई लड़ रहा है, परंतु एक बड़ा समूह, जिसमें कई प्राध्यापक भी शामिल हैं, आरोपी प्रोफेसर को बचाने व इस मुद्दे को दबाने में लगे हैं। ऐसे सभी लोगों के विरुद्ध अभाविप इस लड़ाई को तब तक लड़ेगी जब तक ऐसे एक-एक व्यक्ति को इस विश्वविद्यालय से बाहर नहीं कर देंगे।”

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