Saturday, November 23, 2024

गोरखपुर में ”कहीं खेल न हो जाये”, स्ट्रांग रूम के बाहर जमे है विपक्षी दलों के समर्थक

गोरखपुर। नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना 13 मई को होगी। सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी और शाम चार बजे तक परिणाम आने की उम्मीद है। नगर निगम में परिणाम दोपहर बाद दो बजे तक आने की संभावना है। एक टेबल पर पांच से छह बूथ की गणना कराने की तैयारी है। जिले में करीब 1500 कर्मचारी लगाए गए हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी हैं । बावजूद इसके मतदाताओं के पीछे दौड़ने वाले राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता व प्रत्याशियों के समर्थक भी 24 घंटे मत पेटीकाओं और इवीएम की सुरक्षा में जुटे हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर के साथ सभी तहसीलों में बनाए गए स्ट्रांग रूम के बाहर प्रत्याशियों के कार्यकर्ता शिफ्टवाइज पहरा दे रहे हैं। वे ईवीएम या मतपेटिकाओं को मतगणना के दिन ही स्ट्रांग रूम से बाहर निकाले जाने तक उनको सुरक्षित चाहते हैं।

यहाँ है स्ट्रांग रूम

नगर निगम के वार्ड संख्या एक से 20 तक के ईवीएम को बैडमिंटन हाल में, 21 से 60 तक वाणिज्य संकाय में जबकि 61 से 80 नंबर वार्ड के ईवीएम इंजीनियरिंग संकाय में बने स्ट्रांग रूम में रखे गए हैं। ऐसे ही पिपराइच नगर पंचायत की मतपेटिकाएं सदर तहसील में, गोला बाजार, उरुवा बाजार एवं बड़हलगंज नगर पंचायतों की मतपेटिकाएं गोला तहसील में, बांसगांव नगर पंचायत की मतपेटिका बांसगांव तहसील में, कस्बा संग्रामपुर उर्फ उनवल की मतपेटिका खजनी में, सहजनवा एवं घघसरा बाजार की मतपेटिका सहजनवा तहसील में एवं पीपीगंज, चौमुखा नगर पंचायतों की मतपेटिका कैंपियरगंज तहसील में रखी गई है।

वरिष्ठ पत्रकार राजीवदत्त पाण्डेय का कहना है कि मतदान के दिन यानी 04 मई की रात 11 बजे तक सभी स्ट्रांग रूम सील हो गए थे। सपा, बसपा एवं अन्य दलों के कई प्रत्याशी कई सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। ऐसे में उनको इस बात की आशंका है कि कहीं कोई ”खेल” न हो जाए। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। अंदर पीएसी की विशेष टीम लगी है। बाहर की सुरक्षा पुलिस के हाथ है। बावजूद इसके उम्मीदावारों को उन पर भरोसा नहीं है। इसलिए वे अपने कार्यकर्ताओं को भी स्ट्रांग रूम की रखवाली में लगा रखा है। शायद इन्हें कुछ हिदायतों के साथ वहां बैठाया गया है। यही वजह है कि स्ट्रांग रूम के बाहर जैसे ही कोई प्रशासनिक अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुँच रहा है, वे सक्रिय हो जा रहे हैं। अंदर कोई सामान ले जाया जा रहा है तो समर्थक पारदर्शिता के नाम पर उसे रोक कर देखने का दबाव बना रहे हैं। कई बार नोकझोंक की नौबत भी आ रही है।

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