नई दिल्ली। शंभू बॉर्डर को खोलने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार हाईवे के यातायात को कैसे रोक सकती है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का काम है कि वह यातायात को नियंत्रित करे। हम कह रहे हैं कि बॉर्डर को खुला रखें लेकिन उसको नियंत्रित भी करें। कहा कि किसान भी इसी देश के नागरिक हैं। सरकार का काम है कि उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए। कोर्ट ने कहा कि किसान आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे।
आपको बता दें कि शंभू बॉर्डर पर किसान पिछले 5 महीने से धरने पर बैठे हैं। किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे 22 वर्षीय युवक की मौत की न्यायिक जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार की दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसान नागरिक हैं, उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा दें। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट सप्ताह भर में बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। हरियाणा सरकार को डर है कि यदि बैरिकेड हटाकर रास्ता साफ कर दिया गया तो पंजाब के किसान फिर दिल्ली की तरफ कूच कर सकते हैं।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ किसान इस मामले को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। किसान संगठनों ने 13 जुलाई को संयुक्त बैठक कर कोई फैसला लेने की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि किसान बॉर्डर खुलने के बाद दिल्ली कूच कर सकते हैं। हरियाणा सरकार कोर्ट में यह दलील दे सकती है कि यदि बैरिकेड हटाकर रास्ता खोल दिया गया और किसानों ने दिल्ली में जाने की जिद नहीं छोड़ी तो हटाए गए बैरिकेड फिर लगाने पड़ेंगे।