नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2023 की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही प्रकाशित करने के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति दी और दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष इसी तरह की याचिका के लंबित होने के मद्देनजर इसे वापस ले लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया।
2 अगस्त को उच्च न्यायालय ने 17 सिविल सेवा उम्मीदवारों द्वारा दायर इसी तरह की याचिका की विचारणीयता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका में यूपीएससी को तत्काल प्रभाव से उत्तर कुंजी प्रकाशित करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें कहा गया है कि उम्मीदवारों को उत्तर कुंजी उपलब्ध नहीं कराने का निर्णय “मनमाना” है।
उच्च न्यायालय ने याचिका पर अपनी प्रारंभिक आपत्तियां दर्ज करने के लिए यूपीएससी को बुलाया था।
इसने बयान दर्ज किया कि याचिका में अन्य दो प्रार्थनाएं – प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देना और परीक्षा फिर से आयोजित करने की मांग – याचिकाकर्ताओं द्वारा इस मामले में दबाव नहीं डाला जा रहा है।
12 जून को यूपीएससी द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि “उम्मीदवारों को यह भी सूचित किया जाता है कि सीएस (पी) परीक्षा, 2023 के अंक, कटऑफ अंक और उत्तर कुंजी अपलोड की जाएंगी…सिविल सेवा परीक्षा 2023 की पूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, यानी अंतिम परिणाम की घोषणा के बाद।”