नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर कथित टिप्पणी के मामले में राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ गुजरात की एक अदालत में लंबित आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर मंगलवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने रोक लगाने का आदेश पारित करते हुए कहा, “जब तक उच्च न्यायालय अंतरिम राहत देने या इनकार करने को लेकर फैसला नहीं करता, तब तक निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक रहेगी।’
पीठ ने उच्च न्यायालय से रोक की अपील या कम से कम अंतरिम राहत की याचिका पर चार सप्ताह के भीतर सुनवाई करने को कहा।
पीठ ने हालाँकि मुकदमे को गुजरात से बाहर स्थानांतरित करने की आम आदनी पार्टी के नेता की याचिका खारिज कर दी।
वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने श्री सिंह का पक्ष रखते हुए पीठ के समक्ष दलील दी कि इरादा उनके मुवक्किल को दोषी ठहराने और उन्हें अयोग्य ठहराने का है, जबकि रोक लगाने की उनकी अपील उच्च न्यायालय में लंबित है।उन्होंने श्री सिंह के बिल्कुल निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा कि मामले में शिकायतकर्ता गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला है।
गुजरात विश्वविद्यालय ने श्री मोदी की डिग्री के संबंध में एक और दो अप्रैल 2023 को दिए गए श्री सिंह के कथित “व्यंग्यात्मक और अपमानजनक” बयानों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था, जिसने “उसकी सद्भावना और छवि को धूमिल किया है।”
गौरतलब है श्री सिंह दिल्ली शराब नीति (जो बाद में रद्द कर दी गई थी) कथित घोटाला में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में कथित संलिप्तता के एक अन्य मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
गुजरात उच्च न्यायालय ने श्री मोदी की डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द कर दिया था। इसके बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और श्री सिंह के खिलाफ उनकी श्री मोदी पर कई कथित टिप्पणियों के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।