नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को अग्रिम जमानत दे दी । जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने घटना के करीब आठ साल बाद एफआईआर कराई है । घटना 2016 की है और एफआईआर अगस्त 2024 में दर्ज कराई गई थी।
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सिद्दीकी की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि जांच एजेंसी बार-बार सिद्दीकी का फोन और लैपटॉप मांग रही है, जो उनके पास 2016 में था। 2016 का फोन और लैपटॉप अब उनके पास उपलब्ध नहीं है। केरल पुलिस की ओर से पेश वकील रंजीत कुमार ने कहा कि सिद्दीकी पुलिस के समक्ष पेश जरूर हो रहे हैं लेकिन वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और घुमा-फिराकर जवाब दे रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई थी। सुनवाई के दौरान रोहतगी ने कहा था कि आठ साल के बाद 2024 में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में दूसरों को जमानत मिल चुकी है लेकिन सिद्दीकी को जमानत नहीं मिली। सिद्दीकी की जमानत का विरोध करते हुए एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि इस मामले में एसआईटी गठित की गई है।
उल्लेखनीय है कि केरल हाई कोर्ट ने सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, एक अभिनेत्री ने सिद्दीकी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। अभिनेत्री की शिकायत में सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 के तहत आरोप लगाए गए हैं। पीड़ित अभिनेत्री ने यह आरोप जस्टिस हेमा कमेटी की उस रिपोर्ट के जारी होने के बाद आरोप लगाया जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न और शोषण की बात कही गई थी। केरल हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया अभिनेता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आधार है।