Sunday, February 23, 2025

सुप्रीम कोर्ट का उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार को उसके मंत्री उदयनिधि स्टालिन और ‘सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन’ के आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।

भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता दामा शेषाद्री नायडू द्वारा किए गए असूचीबद्ध उल्लेख को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

वकील जी बालाजी के माध्यम से दायर याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई कि 2 सितंबर को आयोजित सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन में राज्य के मंत्रियों की भागीदारी असंवैधानिक थी और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है।

इसके अलावा, इसने यह जानने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की कि क्या सीमा पार और भारत के बाहर, खासकर श्रीलंका तमिल लिट्टे फंड से आतंकी फंडिंग का कोई तत्व इसमें शामिल है।

साथ ही याचिका में मांग की गई है कि हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक राज्य के माध्यमिक स्कूलों में किसी भी हिंदू धर्म के खिलाफ ये सम्मेलन नहीं होने चाहिए।

इस याचिका पर 22 सितंबर को सुनवाई होने की संभावना है।

इससे पहले, स्टालिन जूनियर के खिलाफ उनके विवादास्पद बयानों को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग करने वाला एक समान आवेदन दिल्ली स्थित एक वकील द्वारा दायर किया गया था। उस याचिका में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्‍टालिन के बेटे द्वारा दिए गए “घृणास्पद भाषण” के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में दायर शिकायत पर कार्रवाई न करके शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों को लागू नहीं करने के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की भी मांग की गई थी।

उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों, नौकरशाहों और युद्ध के दिग्गजों सहित 262 प्रतिष्ठित नागरिकों के एक समूह ने 5 सितंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर उदयनिधि स्टालिन द्वारा किए गए कथित नफरत भरे भाषण पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था।

 

 

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय