नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार से चार बार सांसद रह चुके राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता प्रभुनाथ सिंह को 1995 में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह और बिहार सरकार को दस लाख रुपये का मुआवजा पीड़ितों को देने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को प्रभुनाथ सिंह को दोहरे हत्याकांड केस में दोषी करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर को सजा पर बहस के लिए प्रभुनाथ सिंह को अपने सामने पेश करने का आदेश दिया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में संशोधन करते हुए प्रभुनाथ सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने की अनुमति दे दी ।
प्रभुनाथ सिंह हत्या के एक अन्य मामले में हजारीबाग की जेल में पहले से उम्रकैद की सजा में बंद है। प्रभुनाथ सिंह पर 1995 में मशरख के एक मतदान केंद्र पर दो लोगों की हत्या का आरोप है। आरोप था कि दोनों लोगों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं दिया था। इसलिए दोनों की हत्या कर दी गई। इस मामले में मृतक राजेंद्र राय के भाई हरेंद्र राय ने गवाहों को धमकाने की शिकायत की थी। इसके बाद मामला छपरा की कोर्ट से पटना ट्रांसफर कर दिया गया था। पटना के ट्रायल कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था। इसके बाद पटना हाई कोर्ट ने भी 2012 में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश को हरेंद्र राय ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।