नोएडा। क्षय उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। अब इसी क्रम में टीबी एलिमिनेशन फोर्स बनायी जा रही है। यह फोर्स टीबी मरीजों की मददगार बनेगी। इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया जा रहा है जो टीबी की बीमारी से ठीक होकर अब स्वस्थ हो चुके हैं। यह लोग अपने अनुभवों को साझा कर टीबी मरीजों की मदद करेंगे, भ्रांतियां दूर करेंगे और बताएंगे कि टीबी का उपचार किसी भी हालत में बीच में नहीं छोड़ना है। टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा़. शिरीष जैन ने बताया – फोर्स में ऐसे लोगों को शामिल किया जा रहा है जो अपना पूर्ण इलाज लेकर स्वस्थ हो चुके हैं और क्षय उन्मूलन में सहयोग करना चाहते हैं। इसमें ऐसे सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने टीबी मरीजों को गोद लिया हुआ है। उन्होंने कहा – टीबी से ठीक हुए व्यक्ति के पास पर्याप्त अनुभव होता है। उसे अच्छी तरह से पता होता है कि यह रोग नियमित उपचार और सही खानपान से ठीक हो जाता है। उसे यह भी पता होता है कि इस बीमारी में लापरवाही किस तरह से समस्याओं को बढ़ा सकती है। ऐसे में टीबी से ठीक हुए लोग अनुभवों को साझा कर उन लोगों के लिए बेहद मददगार साबित हो सकते हैं, जो टीबी से ग्रसित हैं।
डा जैन ने बताया- जनपद में वर्तमान में टीबी के 1961मरीज हैं। इसमें 1224 सरकारी और 723 निजी अस्पतालों और निजी चिकित्सकों की ओर से नोटिफाइड हैं। सभी का उपचार किया जा रहा है। जिले में 85निक्षय मित्र हैं। इसके अलावा टीबी एलिमिनेशन फोर्स में 22 टीबी चैम्पियन को जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा- इन मरीजों में कई ऐसे हैं जिन्हें यह भरोसा दिलाना जरूरी है कि वह इलाज से स्वस्थ हो जाएंगे। ऐसे मरीजों के लिए यह फोर्स काफी लाभदायक साबित होगा। फोर्स में शामिल लोग इलाज ले रहे टीबी मरीजों की शंकाओं को दूर कर उन्हें निरंतर दवा के सेवन के लिए प्रेरित करेंगे। इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रयास से जहां एक ओर दूर-दराज इलाकों में टीबी कार्यक्रमों की पहुंच बढ़ेगी वहीं चैंपियन ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों तक पहुंच कर उनकी मदद कर सकेंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- टीबी मरीजों के बीच में इलाज बंद करने के अलग अलग कारण होते हैं। कुछ मरीज भ्रांतियों के चलते दवा बंद कर देते हैं। वहीं कुछ मरीज आराम मिलने पर दवा का पूरा कोर्स नहीं करते। ऐसे में इलाज करवा रहे सभी टीबी मरीजों से मिलकर उनकी शंकाओं का समाधान करना जरूरी हो जाता है। टीबी एलिमिनेशन फोर्स ऐसे मरीजों की भ्रांतियों को दूर कर उन्हें नियमित दवा के सेवन की अहमियत समझाएगी।
इन सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा जाएगा
रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन, रोटरी क्लब (नोएडा, ग्रेटर नोएडा) नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन सहित तमाम संस्था, संगठन। गौतमबुद्धनगर में कई नामचीन हस्तियां भी निक्षय मित्र बनी हुईं है, इनमें पैरा ओलम्पियन दीपा मलिक और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की अपर सचिव एवं महानिदेशक वी हेकाली झिमोमी प्रमुख हैं।
यह मिलेगा लाभ-
टीबी से ग्रसित मरीजों का उपचार पूर्ण कराने में मिलेगा सहयोग
सामुदायिक जागरूकता बढ़ेगी
टीबी मरीजों को लेकर भेदभाव में आएगी कमी
दूर दराज के इलाकों में टीबी कार्यक्रमों की पहुंच आसान होगी
मरीजों की शंकाओं को दूर करने में मदद मिलेगी
टीबी के संभावित मरीजों की जल्द पहचान में मदद मिलेगी