सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में शुक्रवार सुबह एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। शांति नगर इलाके में रहने वाले कारोबारी मनोज परमार (45) और उनकी पत्नी नेमा परमार (42) का शव उनके घर में फंदे पर लटका मिला। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है, लेकिन अभी इसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है।
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घटना की पुष्टि एसडीओपी आकाश अमलकर ने की है। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। डॉ. रविंद्र यादव के नेतृत्व में स्थानीय डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की।
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मनोज परमार और उनकी पत्नी नेमा परमार पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप था। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके शांति नगर स्थित घर और दफ्तर पर छापा मारा था। इस दौरान ईडी ने दस्तावेज और अन्य सामान जब्त किया था।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017 में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत मनोज परमार ने सर्विस सेंटर और रेडिमेड कपड़ों की फैक्ट्री के नाम पर बैंक से कई ऋण लिए। करीब 6 करोड़ रुपये के इस घोटाले में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया।
ईडी ने इस मामले में मनोज परमार और उनके सहयोगियों के इंदौर और अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। बताया जा रहा है कि आरोपी ने 6 महीने के भीतर 18 ऋण लेकर यह घोटाला किया था।
इस घटना के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ईडी की कार्रवाई के कारण परमार परिवार पर मानसिक दबाव बढ़ गया था, जिससे उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।
दिग्विजय सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान परमार के बच्चों ने राहुल गांधी को गुल्लक भेंट किया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी इस घटना के बाद आष्टा पहुंचे और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
एसडीओपी आकाश अमलकर ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है। फिलहाल आत्महत्या के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया है, लेकिन उसमें लिखी बातों को अभी साझा नहीं किया गया है।
इस घटना से स्थानीय व्यापारी समुदाय में आक्रोश और चिंता है। लोग ईडी की कार्रवाई और उसके प्रभाव पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इस घटना को आर्थिक दबाव और कानूनी कार्रवाई का परिणाम मान रहे हैं।
मौके पर पहुंची डॉक्टरों की टीम ने शवों का पोस्टमार्टम किया है। पुलिस आत्महत्या के वास्तविक कारणों और इसमें संभावित जिम्मेदारियों की जांच कर रही है। वहीं, ईडी की छापेमारी और उसके बाद की घटनाओं की भी समीक्षा की जा रही है।